यरूशलम. इजरायल की हमास और हिजबुल्लाह के बीच जंग की कवरेज के बीच हम इजरायल में जहां भी जाते हैं, इंडिया और पीएम मोदी का जिक्र जरूर होता है. कवरेज के दौरान इजरायल- लेबनान बॉर्डर हो या गोलन हाइट्स का इलाका, गलीली समुद्र हो या फिर हाइफा शहर, जैसे हो लोग मुझे सड़क पर चलते या कैमरे के सामने खड़े होकर बोलते हुए देखते हैं, वो तुरंत रुक जाते हैं. मुस्कुराते हुए चेहरे से शैलोम (स्थानीय भाषा हिब्रू में अभिवादन) बोलते हैं और अगली लाइन होती है क्या आप इंडिया से हैं? बाकी भाषा तो समझ में नहीं आती, लेकिन इंडिया समझ में आता है और इसके पहले कि मैं मुस्कुरा कर जवाब दूं मेरे साथ चल रहा ट्रांसलेटर तपाक से बोल पड़ता है कि देखा आपने इजरायल के लोग इंडिया के लोगों को कितना प्यार करते हैं.
इजरायल और इंडिया दोनों मुल्क कई मायने में एक जैसे हैं. लगभग एक ही साथ दोनों मुल्क अस्तित्व में आए, मतलब भारत को आजादी मिली और इजरायल को संयुक्त राष्ट्र संघ के जरिए अपना देश. दोनों मुल्क बॉर्डर पर परेशान है, दोनो देश कई जंग लड़ चुके हैं और दोनों मुल्क तरक्की करना चाहते हैं. दोनों मुल्कों की रक्षा और खुफिया साझेदारी किसी से छुपी नहीं है. यह बात आम इजरायली भी जानता है. इसलिए हर भारतीय का स्वागत करने के लिए हमेशा मुस्कुराते हुए तैयार दिखता है. इजरायल के जिस हिस्से में आप जाएंगे, चाहे वह तेल अवीव हो या यरूशलम, हाइफा हो या फिर कोई छोटा कस्बा, लोग इंडिया के बाद प्रधानमंत्री मोदी का नाम जरूर लेते हैं.
मोदी की विदेश नीति से इजरायल को फायदा
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति इजरायल को कई मोर्चों पर सपोर्ट करती है, मुझे कई ऐसे लोग मिले हैं, जिनके लिए ये भारत के लिए सम्मान और बढ़ा देती है. इजरायली लोग प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद हैं. हाइफा से सटे एक कस्बे में मिला एक नौजवान बातचीत के दौरान कहता है कि प्रधानमंत्री मोदी बिना लाग लपेट के इजरायल के हितों को हमेशा तरजीह देते हैं और उन्होंने इजरायल की यात्रा में अपनी बॉडी लैंग्वेज से साफ दिखा दिया कि भारत की सरकार इजरायल के अपनी सीमाओं की रक्षा के अधिकार और उसके हितों की रक्षा के लिए हमेशा समर्थन करेगी. कुछ इजरायली आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की समुद्र के किनारे बीच पर नंगे पांव टहलने के विजुअल को याद करते हैं.
140 करोड़ जनसंख्या वाले देश का पीएम नंगे पांव चला
इजरायली सेना से रिटायर्ड एक अधेड़ शख्स ने कहा कि मुझे वह नजारा आज भी नहीं भूलता, जब 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश का प्रधानमंत्री जो पूरी दुनिया में एक ताकत रखता है, हमारे समुद्र बीच पर हमारे प्रधानमंत्री के साथ नंगे पांव कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा था. यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का एक छोटे देश इजराइल के साथ न सिर्फ बराबरी के संबंध को दिखाता है बल्कि यह भी कहता है कि भारत इजरायल की हर मुश्किल में उसके साथ खड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी की यह बात आज तक मेरे दिल में गहरे बैठी है. यही नहीं इजरायल के लोगों ने हिंदुस्तान से आए यहूदियों के जरिए भी भारतीय हिंदुओं की अच्छाई के कई किस्से सुने हैं और हमें सुनाते हैं. इजरायल के लोग भारत के लोगों और इजरायल में काम कर रहे भारत के मजदूरों और भारत की सरकार का शुक्रिया अदा करना कभी नहीं भूलते.
भारत, इजरायल और अमेरिका का एक बड़ा गठबंधन
इजरायल के कई नागरिक पूरी दुनिया में भारत, इजरायल और अमेरिका का एक बड़ा गठबंधन बनाए जाने की वकालत करते हैं. तेल अवीव में टहलते हुए एक विद्वान मिले. उनका कहना था कि अमेरिका इजरायल और हिंदुस्तान तीनों के हित एक जैसे हैं. तीनों की समस्याएं एक जैसी हैंऔर तीनों राष्ट्रों की सोच एक जैसी है. इसलिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को एक साथ मिलकर हल करने के लिए तीनों देशों के बीच सामंजस्य और गठबंधन बेहद जरूरी है. मैं लगभग एक हफ्ते से इजरायल में हूं. यहां हिंदुस्तान और प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों की चर्चा ना हो तो बात खत्म ही नहीं होती. लोग भारत और मोदी का शुक्रिया अदा करते नहीं थकते. लोग कहते हैं कि देश महज जमीन का टुकड़ा नहीं होता. बल्कि इसमें रहने वाले लोगों की जान होता है. ये राष्ट्रीयता की भावना और अपनी पहचान कायम रखने की जिद जितना भारत के नागरिकों में है, उतनी ही इजरायल के नागरिकों में भी दिखती है. मैने कई बार मेरे होटल के ठीक सामने इंडियन एंबेसी में फहराते तिरंगे को इजरायली लोगों को मुझसे बातचीत के दौरान सैल्यूट करते देखा है. ये देखकर एक हिंदुस्तानी होने का गर्व मेरे सीने को चौड़ा कर देता है.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 16:28 IST