इस देवी की सेना ने औरंगजेब को चटा दी थी धूल, आज भी जल रही अखंड ज्योति

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राहुल मनोहर/जयपुर. दुर्गा मां को शक्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है. मां के कई रूप और अवतार हैं. नवरात्रा के अवसर पर माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है. राजस्थान के सीकर जिले में जीण माता का प्राचीन मंदिर बना हुआ है. जीण माता को माता दुर्गा का अवतार माना जाता है. घने जंगल से घिरा हुआ जीण माता का मंदिर तीन छोटी पहाड़ों के संगम पर स्थित है. जीण माता का यह मंदिर बहुत प्राचीन शक्तिपीठ है. खास बात यह है कि माता का ये मंदिर दक्षिण मुखी है.

चौहान चंद्रिका नामक पुस्तक में जीण माता को शक्ति का अवतार और उनके भाई हर्ष को भगवान शिव का अवतार माना गया है. स्थानीय लोक मान्यताओं के अनुसार दोनों बहन भाइयों में बहुत प्रेम था, लेकिन किसी बात पर दोनों मनमुटाव हो गया. तब जीण माता यहां आकर तपस्या करने लगी पीछे-पीछे हर्षनाथ भी अपनी लाडली बहन को मनाने के लिए आए लेकिन जीण माता जिद करने लगी साथ जाने से मना कर दिया. हर्षनाथ का मन बहुत उदास हो गया और वे भी वहां से कुछ जाकर वहां पर तपस्या करने लगे. दोनों भाई बहन के बीच हुई बातचीत का वर्णन आज भी राजस्थान के लोक गीतों में मिलता है. भगवान हर्षनाथ का भव्य मंदिर आज राजस्थान की अरावली पर्वतमाला में स्थित है.

औरंगजेब ने भी माता के सामने टैक दिए थे घुटने
एक जनश्रुति के अनुसार, देवी जीण माता ने सबसे बड़ा चमत्कार मुगल बादशाह औरंगजेब को दिखाया था. औरंगजेब ने शेखावाटी के मंदिरों को तोड़ने के लिए विशाल सेना भेजी थी. यह सेना हर्ष पर्वत पर शिव व हर्षनाथ भैरव मंदिर को खंडित कर जीण मंदिर को खंडित करने आगे बढ़ी. तब जीण ने अपनी सेना भंवरे (बड़ी मधुमक्खियों) को सेना पर आक्रमण के आदेश दिए. जिनके आक्रमण से औरंगजेब की सेना भाग खड़ी हुई. कहते हैं तब औरंगजेब ने माता के मंदिर में जाकर क्षमा याचना मांगी और अखंड दीप के लिए सवामणी तेल प्रतिमाह दिल्ली से भेजने का वचन दिया.

आज भी जल रही अखंड ज्योत
औरंगजेब के द्वारा भेजे गए तेल की अखंड ज्योत आज भी जल रही है. माता के लिए पहले ये तेल कई वर्षों तक दिल्ली से आता रहा फिर दिल्ली के बजाय जयपुर से आने लगा. बाद में जयपुर महाराजा ने इस तेल को मासिक के बजाय वर्ष में दो बार नवरात्रों के समय भिजवाना आरम्भ कर दिया. राजशाही व्यवस्था खत्म होने के बाद भक्तों द्वारा माता को अखंड ज्योत के लिए तेल भेट किया जाता है. यह अखंड ज्योत 24 घंटे जलती रहती है.

Tags: History of India, Local18, Rajasthan news, Sikar news

FIRST PUBLISHED :

October 2, 2024, 15:57 IST

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