नई दिल्ली. जरा अंदाजा लगाइये कि आपको गाड़ी पेट्रोल-डीजल भराने के लिए कई दिनों तक लाइन लगाना पड़े तो क्या होगा. सुनने में यह अविश्वसनीय लग रहा होगा, लेकिन है बिलकुल सच. दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के नागरिक आजकल इसी तरह की मुश्किलों से गुजर रहे हैं. यहां ईंधन सबसे दुर्लभ वस्तु बनता जा रहा है. लोगों को कई घंटे लाइन लगाकर तेल भराना पड़ता है, जबकि यह देश प्राकृतिक गैस का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
दक्षिण अमेरिका देश बोलिविया प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और यहां आजकल पेट्रोल पंपों के बाहर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं. कुछ वाहन तो कई दिनों तक कतारों में खड़े नजर आते हैं. लोगों के बीच निराशा बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि कई वाहन चालक अब अपने कतारों में खड़े ट्रकों के आसपास ही खाते-पीते और सोते हैं.
भयावह है स्थिति
वाहन चालक गार्सिया (66) ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि क्या होगा? यकीनन हमारी स्थिति और भी खराब होने वाली है.’ एक अन्य चालक रामिरो मोरालेस (38) ने कहा, ‘वाहनों की कतारें लगातार लंबी होती जा रही हैं. मंगलवार को चार घंटे कतार में खड़े रहने के बाद उन्हें शौचालय जाना था, लेकिन उन्हें इस बात का डर था कि कतार से हटने पर उनको अपनी जगह खोनी पड़ सकती है. लोग अब थक चुके हैं.’
दोहरी चुनौतियों से घिरा है देश
बोलीविया में ईंधन की कमी की समस्या ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है. इस कारण बोलीविया के लोगों को अमेरिकी डॉलर नहीं मिल पा रहे हैं. आयातित सामान जो कभी आम थे, अब दुर्लभ हो गए हैं. देश के प्रमुख शहर सांता क्रूज के पूर्वी प्रांत में गेब्रियल रेने मोरेनो स्वायत्त विश्वविद्यालय के ‘वाइस-रेक्टर’ रीनेरियो वर्गास ने कहा, ‘हम ईंधन, डॉलर की कमी और खाद्य कीमतों में वृद्धि से निपटने के लिए प्रभावी समाधान चाहते हैं.’
नाकाम है सरकार
इन तमाम परेशानियों का सामना कर रहे आम नागरिकों ने राजधानी ला पाज़ में पिछले सप्ताह सड़कों पर मार्च किया और ‘सब कुछ महंगा है’ के नारे लगाए. इस बीच अर्थव्यवस्था मंत्री मार्सेलो मोंटेनेग्रो ने कहा, ‘डीजल की बिक्री सामान्य होने की प्रक्रिया में है.’ बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस आर्से ने भी बार-बार ईंधन की कमी को खत्म करने के लिए बुनियादी वस्तुओं की कीमतें कम करने का आश्वासन दिया है. इससे पहले उन्होंने 10 नवंबर को जनता से वादा किया था कि अगले 10 दिनों में समस्या का समाधान खोज लिया जाएगा. फिलहाल जनता को इस संकट के जल्द खत्म होने की उम्मीद नहीं लगती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 14:14 IST