करेले की ठंडी के मौसम में रहती है काफी डिमांड
Bitter Gourd Farming: किसान धान, गेहूं आदि फसलों के साथ-साथ कम समय में बढ़िया मुनाफा देने वाली फसलों की भी खेती करने लगे हैं. क्योंकि किसान अब सीजनल सब्जियों की खेती की तरफ तेजी से रुख कर रहे है.किसान फसलों की खेती के अलावा सब्जियों की खेती करके भी अपनी आय में आसानी से बढ़ोतरी कर सकते हैं. करेला भी कुछ इसी तरह की फसल है. किसान इसकी खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि करेले में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिस वजह से बाजारों में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.
करेली की खेती
करेले की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. इसके अलावा नदी किनारे की जलोढ़ मिट्टी भी इसकी खेती के लिए उचित मानी जाती है. बाराबंकी जिले के शरीफाबाद गांव के रहने वाले किसान राम सजीवन ने 3-4 साल पहले करेले की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा फायदा हुआ. आज वह करीब एक एकड़ में करेले की खेती कर लगभग एक फसल से डेढ़ से दो लाख रुपये तक मुनाफा कमा रहे हैं.
मचान विधि से करते हैं खेती
करेले की खेती कर रहे किसान राम सजीवन ने लोकल 18 से बातचीत में बताया, ‘वैसे तो मैं तीन चार सालों से करेले की खेती कर रहा हूं. इस बार हमने 1 एकड़ में करेला लगाया है, जिसमें लागत करीब एक बीघे में 20 हजार रुपए आती है. मुनाफा करीब एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये तक हो जाता है. बारिश वह सर्दी के मौसम में किसान करेले की खेती कम करते हैं, क्योंकि इसकी पैदावार कम होने से काफी महंगा बिकता है, जिससे मुनाफा बढ़िया होता है. इसकी खेती हम मचान विधि से करते है जिससे हमारे करेले की पैदावार ज्यादा होती है.’
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60-65 दिनों में तैयार हो जाती है तैयार
इसकी खेती करना बहुत ही आसान है . करेले की खेती के लिए मचान विधि के तहत खेत में बांस, सीमेंट के खंभे से 5 से 7 फीट ऊंची मचान बनाई जाती है. जैसे ही सब्जी की बेल बढ़ने लगती है, वैसे ही इसे मचान पर चढ़ा दिया जाता है. इसमें मेड़ों की दूरी डेढ़ से दो मीटर रखी जाती है. वही मचान पर करेले के पौधे को चढ़ाया जाता है, जिससे सब्जियां ऊपर लगने की वजह से इनमें हवा का प्रवाह सही रहता है. करेले की बुवाई करने के लगभग 60 से 65 दिनों में इसकी फसल तैयार हो जाती है
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 19:52 IST