इस विधि से खेत का कर दें उपचार, बंपर होगी फसल की पैदावार

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खेतों में बुआई से पहले जरूर कर दें यह कामखेतों में बुआई से पहले जरूर कर दें यह काम

जमुई. खेती से बेहतर मुनाफा कमाना कौन नहीं चाहता और इस उम्मीद में लोग रसायनों का लगातार इस्तेमाल करते हैं. भारी मात्रा में रसायनों के इस्तेमाल से फसल के पैदावार में शुरुआत में तो वृद्धि होती है, लेकिन धीरे-धीरे खेत अम्लीय होते चले जाते हैं और इससे पैदावार पर असर भी पड़ता है. ऐसे में अगर आप खेतों से बेहतर आय कमाना चाहते हैं तो जैविक खाद से आमदनी को बेहतर बना सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि फॉस्फेट, जो फसल की पैदावार में नाइट्रोजन के बाद सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, पौधों के विकास और बीजों को पुष्ट बनाने के लिए आवश्यक है.

वाम कल्चर (माइकोराइजा) और पीएसबी (फास्फोबैक्ट्रीन) जैसे जैविक खाद अम्लीय मिट्टी में फॉस्फोरस की उपलब्धता बढ़ाने के लिए रामबाण है. वाम कल्चर अनाज, दलहन और सब्जियों में फास्फोरस को जड़ों तक पहुंचाने में मदद करता है, जबकि पीएसबी अघुलनशील फॉस्फेट को घुलनशील बनाकर पौधों की वृद्धि में सहायकका काम करता है.

वाम कल्चर के इस्तेमाल से बढ़ा सकते हैं उपज

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि वाम कल्चर के प्रयोग के लिए खेत में पुआल जलाकर कल्चर का छिड़काव किया जाता है और बीजों की बुवाई की जाती है. इसे धूप और पानी से बचाकर रखना चाहिए और गोबर की खाद के साथ मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं, पीएसबी कल्चर का उपयोग बीज उपचार के लिए किया जाता है. गुड़ के घोल में इसे मिलाकर बीजों को उपचारित किया जाता है और छायेदार जगह में सुखाने के बाद तुरंत बुआई की जाती है. यह तकनीक उपज में 10-25% तक वृद्धि कर सकती है.

फासफोरस की उपलब्धता को बढ़ाता है वाम कल्चर

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि खेती में वाम कल्चर (माइकोराइजा) का उपयोग फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले खेत को तैयार कर उसकी सतह पर पुआल बिछाकर जला दें. इसके बाद कल्चर का पंक्तियों में छिड़काव करें और बीजों की बुआई करें. इस प्रक्रिया में गोबर की खाद या कम्पोस्ट का प्रयोग भी फायदेमंद होता है. कल्चर को धूप और पानी से बचाकर रखें और बीजों के साथ मिलाते समय इसे सावधानीपूर्वक उपयोग करें, ताकि पौधों को फॉस्फोरस आसानी से मिल सके.

ऐसे करें खेतों में वाम कल्चर का इस्तेमाल

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पीएसबी (फास्फोबैक्ट्रीन) कल्चर का उपयोग बीज उपचार के लिए किया जाता है. सबसे पहले आधा लीटर पानी में 100 ग्राम गुड़ डालकर पंद्रह मिनट तक उबालें और घोल को ठंडा करें. इसके बाद इस घोल में पीएसबी कल्चर मिलाकर तैयार किया गया मिश्रण बीजों पर डालें और हाथों से अच्छी तरह मिलाएं ताकि बीजों पर कल्चर की परत चढ़ जाए. बीजों को छायेदार जगह में आधा घंटा सुखाकर तुरंत बुआई करें. रोपाई वाली फसलों के लिए पौधों की जड़ों को इसी घोल में डुबोकर उपचारित किया जाता है.

Tags: Agriculture, Bihar News, Jamui news, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 15:39 IST

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