मूली
ओम प्रकाश निरंजन, कोडरमा:अगर आप कम समय में अच्छी आमदनी करना चाहते हैं, तो मूली की खेती आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. सेहत और आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी यह फसल सिर्फ 40 दिनों में आपको लखपति बना सकती है. मूली को औषधीय गुणों और सब्जी के रूप में लोकप्रियता के चलते होटल और रेस्टोरेंट में सलाद के तौर पर इसकी हमेशा मांग रहती है. कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके राय के अनुसार, मूली की खेती में किसानों को शानदार मुनाफा हो सकता है, बशर्ते वे वैज्ञानिक विधियों का पालन करें.
कम समय में अधिक मुनाफा
मूली की खेती में खास बात यह है कि यह फसल केवल 35-40 दिनों में तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर भूमि पर 150 से 200 क्विंटल मूली का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है, जिससे किसान एक लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कमा सकते हैं. मूली पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद होती है और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है. साथ ही, यह फसल रोगों से भी सुरक्षित रहती है, जिससे इसका उत्पादन जोखिममुक्त माना जाता है.
खेत की तैयारी और बीज की बुआई
मूली की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके लिए खेत की तैयारी करते समय 200 से 250 क्विंटल गोबर की पुरानी खाद मिलानी चाहिए. खेत तैयार करने के बाद किसान दो तरीकों से मूली की बुआई कर सकते हैं—पहला मेढ़ के ऊपर बीज लगाकर और दूसरा छिड़कवा विधि से.
छिड़कवा विधि के तहत बीजों को क्यारी में हल्की मिट्टी डालकर छिड़का जाता है. बुआई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 50 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 5 से 8 सेंटीमीटर होनी चाहिए। बीजों की बुआई 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर करें.
उन्नत उत्पादन के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाएं
डॉ. एके राय का कहना है कि अगर किसान वैज्ञानिक विधि से खेती करते हैं तो न केवल मूली का उत्पादन बेहतर होगा, बल्कि उनकी आय में भी भारी इजाफा हो सकता है. आधुनिक खेती तकनीक के इस्तेमाल से मूली की पैदावार अधिक होती है और इसमें रोगों का खतरा भी कम रहता है.
इस प्रकार, मूली की खेती एक बेहतरीन कृषि विकल्प है, जो सिर्फ 40 दिनों में किसान को अच्छा लाभ कमा कर दे सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 10:32 IST