रावण दहन पर रोक लगाने की उठी मांग.
उज्जैन. हिंदू धर्म में मान्यता है कि दशहरे के दिन ही भगवान राम ने दशानन रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए हर साल रावण दहन किया जाता है. लेकिन, उज्जैन में रावण दहन पर रोक की मांग ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है. आखिर ऐसा क्या हुआ जो रावण दहन का विरोध हो रहा है. यही नहीं, इस आशय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र भी लिखा गया है. आइए जानें माजरा…
अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी कहते हैं कि वर्तमान में रावण दहन करने के पीछे ब्राह्मणों को अपमानित करना प्रतीत होता है. रावण के पुतले का दहन सिर्फ दशहरे पर नहीं, बल्कि पूरे सप्ताह भर होने लगा है. उनका कहना है कि रावण के पुतले का दहन करने वाले संगठन और संस्थाएं ब्राह्मण समाज का कभी भला नहीं कर सकते. रावण वर्तमान, भूतकाल और भविष्य का ज्ञाता था, इसलिए रावण दहन की आड़ में ब्राह्मण का जो अपमान हो रहा है, उस पर प्रतिबन्ध लगे.
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
12 अक्टूबर को देशभर में दशहरा पर्व को लेकर जगह-जगह रावण का पुतला दहन होगा. अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पत्र के माध्यम से मांग की कि मध्य प्रदेश में रावण के दहन पर प्रतिबंध लगना चाहिए. पत्र में लिखा कि रावण का दहन ब्राह्मण समाज का अपमान है. अगर पुतले जलाने हैं, तो उन लोगों के जलाए जाने चाहिए जो समाज में महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं.
दुष्कर्मियों का पुतला जलाएं
महेश शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि हर साल दशहरा को रावण का पुतला जलाया जाता है, जो ब्राह्मणों का अपमान है. अगर पुतला जलाना ही है तो उन लोगों के पुतले जलाए जाने चाहिए जो आज महिलाओं के साथ दुष्कर्म और अत्याचार करते हैं.
Tags: Local18, Ravana Dahan, Ujjain news
FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 17:35 IST