प्राचीन काल में पक्षियों का उपयोग संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था. इसके साथ ही, पक्षियों को अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के साधन के रूप में भी देखा जाता था. बाद में, इनका उपयोग केवल साधारण कार्यों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इन्हें शकुन और अपशकुन बताने वाला भी माना जाने लगा.
पक्षियों से जुड़ी मान्यताएँ और धारणाएँ
आधुनिक युग में भले ही अंधविश्वासों पर विश्वास कम हुआ हो, लेकिन पक्षियों को लेकर अब भी कई धारणाएँ बनी हुई हैं. उदाहरण के तौर पर, ऐसा माना जाता है कि कौवे को देखना दुर्भाग्य लाता है, जबकि मोर को देखना सौभाग्य का संकेत है. यदि कोई पक्षी अचानक सिर पर मार दे, तो इसे शुभ या अशुभ घटना का संकेत माना जाता था. प्राचीन समय में इसे अशुभ मानने का चलन था, लेकिन ज्योतिष शास्त्र इसे पूरी तरह से खारिज करता है.
पक्षियों की हरकतों का विशेष महत्व
पक्षियों की हरकतें भी शकुन और अपशकुन से जोड़ी जाती हैं. यदि कोई पक्षी किसी शुभ कार्य के दौरान सिर झुका ले, तो इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. वहीं, अगर कोई पक्षी कंधे पर आकर बैठ जाए, तो इसे धन लाभ और अच्छे समाचार का संकेत समझा जाता है. ऐसी घटनाओं को लेकर यह भी कहा जाता है कि निकट भविष्य में आपके जीवन में सुखद बदलाव आ सकते हैं.
रूस में पक्षियों के प्रति गहरी आस्था
ऐसा माना जाता है कि पक्षियों के शकुन-अपशकुन की उत्पत्ति रूस में हुई थी. वहाँ के लोग इन मान्यताओं में बहुत आस्था रखते हैं. उनके अनुसार, यदि कोई पक्षी स्वचालित रूप से सिर पर बैठ जाए, तो यह भाग्य और खुशी का संकेत होता है.
कौवे से जुड़ी मिथक और मान्यताएँ
कौवे को विशेष रूप से अपशकुन का प्रतीक माना जाता है. यह मिथक है कि यदि शादी के मंडप में कौआ आकर बैठ जाए, तो दंपत्ति का रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिकेगा. कुछ मामलों में, इसे मृत्यु का संकेत भी समझा जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 13:14 IST
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