गुजरात: मेहसाणा जिले के किसान पारंपरिक खेती छोड़कर अब बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं. फूलों और फलों की खेती उन्हें जल्दी उपज और अच्छी कीमत का लाभ देती है. जिले में खासतौर पर फूलों की खेती तेजी से बढ़ रही है. देवदा गांव में इस क्षेत्र की खेती उच्च स्तर पर होती है, जहां विशेष रूप से कश्मीरी गुलाब की खेती प्रमुखता से की जा रही है.
अल्पेशभाई पटेल: कश्मीरी गुलाब की खेती के अग्रणी
विजापुर तालुका के देवदा गांव के 42 वर्षीय किसान अल्पेशभाई पुरूषोत्तमभाई पटेल 2013 से कश्मीरी गुलाब की खेती कर रहे हैं. दसवीं कक्षा तक पढ़े अल्पेशभाई ने अपनी पढ़ाई के बाद अपने पिता की खेती संभाली. पहले स्थानीय गुलाब की खेती करने वाले इस किसान ने अब गुलाब और शहद उत्पादन को अपनी मुख्य आय का स्रोत बना लिया है.
कैसे होती है कश्मीरी गुलाब की खेती?
अल्पेशभाई बताते हैं कि उनके पास दो बीघे में कश्मीरी गुलाब की खेती है. इन पौधों को पुणे की एक नर्सरी से खरीदा गया था. प्रति विघा लगभग 1300-1500 पौधे लगाए जाते हैं. एक पौधे की कीमत 15 से 35 रुपये तक होती है. रोपण के छह महीने बाद इन पौधों से फूलों का उत्पादन शुरू हो जाता है.
लागत और मुनाफा: गुलाब की खेती कितनी फायदेमंद?
गुलाब की खेती में हर साल लगभग 50,000-60,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन इससे करीब दो लाख रुपये का मुनाफा होता है. अल्पेशभाई रोजाना करीब 40 किलो फूल बेचते हैं, जिसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलो है.
जलवायु और चुनौतियां
अल्पेशभाई ने बताया कि कश्मीरी गुलाब की खेती के लिए ठंडी और बादलों वाली जलवायु सबसे उपयुक्त होती है. गर्मी ज्यादा होने पर उत्पादन में कमी आ सकती है. इसके अलावा, गुलाब की खेती में इल्ली की समस्या भी होती है, जिसके लिए हर 15 दिन में दवा का छिड़काव करना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 16:33 IST