CSE Vs ESE : इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक करने के लिए स्टूडेंट्स 12वीं के बाद जेईई मेन और एडवांस्ड परीक्षाएं देते हैं. अच्छी रैंक से पास होने के बाद एडमिशन के समय सामने सवाल खड़ा होता है कि इंजीनियरिंग की कौन सी ब्रांच चुनी जाए. किस ब्रांच में इंजीनियरिंग करना करियर के लिए बेहतर होगा. कुछ ब्रांच एक जैसे लगते हैं. जो स्टूडेंट्स का कन्फ्यूजन और भी बढ़ा देते हैं. ऐसे ही ब्रांच हैं कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग.
आज हम लोग जानेंगे कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के बीच फर्क और करियर के अवसरों के बारे में.
CSE Vs ESE : कंप्यूटर साइंस व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अंतर
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की बात करें, तो इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्युनिकेशन सिस्टम्स और सिग्नल प्रोसेसिंग पर फोकस किया जाता है. यह सर्किट, माइक्रोप्रोसेसर और इंटीग्रेटेड सर्किट्स जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को डिजाइन करने और विकसित करने पर जोर देता है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स स्मार्ट फोन से लेकर स्मार्ट होम तक और वायरलेस कम्युनिकेशन नेटवर्क के बारे में पढ़ते और सीखते हैं.
जबकि, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनिरिंग में कंप्यूर साइंस के सिद्धांतों, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कंप्यूटिंग पर फोकस किया जाता है. इसमें एल्गोरिदम, डेटा स्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर सिस्टम की डिजाइनिंग, लागू करना और उसका एनालिसिस शामिल होता है. कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स वीडिये गेम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग स्किल तक सीखते हैं.
CSE Vs ESE : करियर ऑप्शन
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक करने के बाद पावर सिस्टम इंजीनियर, टेलिकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, कंट्रोल सिस्टम्स इंजीनियर जैसी जॉब करते हैं. जबकि कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग ब्रांच मेंबीई/बीटेक करने वालों को करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वेब डेवलपर, डेटा साइंटिस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर और साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट जैसी जॉब मिलती है.
CSE Vs ESE : इंटरडिसिप्लिनरी अवसर
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग इंटरडिसिप्लिनरी ब्रांच हैं. दोनों में से किसी भी में भी बीई/बीटेक करने वाले रोबोटिक्स, बायोमेडिकल इंजीनियरों और ऑटोमेशन स्पेशलिस्ट्स के साथ मिलकर काम कर सकते हैं. इससे ESE और CSE में इंजीनियरिंग करने वालों के पास असीमित अवसर हो जाते हैं.
CSE Vs ESE : कितनी मिलेगी सैलरी
स्टूडेंट्स बीई/बीटेक इस आशा के साथ करते हैं कि कोर्स पूरा होने के बाद शानदार सैलरी पैकेज पर प्लेसमेंट होगा. इसलिए सैलरी की बात करना जरूरी है. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग दोनों ब्रांच में ग्रेजुएशन के बाद फ्रेशर को तीन से आठ लाख रुपये सालाना सैलरी पैकेज की जॉब मिलती है. इस साल आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट न्यूनतम 4 लाख रुपये पर हुआ है. हालांकि एवरेज पैकेज 2023-24 में 23 लाख रुपये सालाना से अधिक रहा.
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Tags: Education news, IIT Bombay, Job and career
FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 14:35 IST