कई बीमारियों से राहत दिलाने में कारगर है कच्ची हल्दी, जानें सेवन का तरीका

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कच्ची हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं

जयपुर. कच्ची हल्दी एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, जो औषधीय और पोषण संबंधी गुणों से भरपूर होती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि यह अदरक के समान एक कंद है और विशेष रूप से आयुर्वेद में इसका उपयोग होता है. हल्दी का उपयोग पाचन, इम्यूनिटी और त्वचा की समस्याओं के लिए किया जाता है. इसमें कर्क्यूमिन नामक मुख्य सक्रिय घटक होता है, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है.

कच्ची हल्दी का सेवन कैसे करें

कच्ची हल्दी का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है. मुख्य रूप से दूध के साथ इसे लिया जाता है. इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है. यह इम्यूनिटी बढ़ाने, सर्दी-खांसी और जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है. इसके अलावा चाय में मिलकर भी यह पी जाती है. इसके अलावा कच्ची हल्दी का अचार भी बनाया जाता है. कच्ची हल्दी, नींबू का रस, हरी मिर्च और मसालों के साथ अचार बनाया जाता है. इसे शहद के साथ भी खाया जाता है.

कच्ची हल्दी खाने के फायदे

कच्ची हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि कच्ची हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जो सर्दी-खांसी और फ्लू से बचाव में मददगार होते हैं. इसके अलावा यह जोड़ों के दर्द (आर्थराइटिस) और सूजन को कम करने में उपयोगी है. वहीं गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है और लीवर को स्वस्थ रखने और डिटॉक्स में मदद करता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि यह त्वचा की समस्याएं दूर करने,  घाव और संक्रमण को ठीक करने,  हृदय, डायबिटीज, कैंसर, मस्तिष्क और सांस संबंधी समस्याओं में राहत दिलाने में मददगार है.

कच्ची हल्दी के धार्मिक महत्व

कच्ची हल्दी का उपयोग पूजा, व्रत और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है. इसे विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा, पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि हल्दी को देवी-देवताओं की पूजा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. विशेष रूप से गृह प्रवेश, विवाह और अन्य शुभ अवसरों पर कच्ची हल्दी का उपयोग किया जाता है. इसे देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा में भी चढ़ाया जाता है. इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और वातावरण को शुद्ध करने के लिए इसको उपयोग में लाया जाता है. इसे घर की पूजा या शुद्धिकरण के लिए प्रयोग में लाया जाता है.

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FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 18:15 IST

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