कोठामंगलम के वारपेट्टी सरकारी एलपी स्कूल में बच्चों ने अपने हाथों से उगाई गई फसलों की कटाई की. स्कूल के रसोई सब्जी उद्यान में बाल किसानों ने बीज बोने से लेकर फसल की कटाई तक हर चरण में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई. जैविक सब्जियों की यह खेती बच्चों को न सिर्फ खेती के गुर सिखाती है, बल्कि उन्हें प्रकृति के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर भी बनाती है. स्कूल में उगाई गई इन गैर-विषैली सब्जियों का उपयोग स्कूल के दोपहर के भोजन में किया जाता है.
उद्यान में उगाई गई विभिन्न फसलें
स्कूल परिसर में जैविक तरीकों से आड़ू, मसूर, वेंडा, टमाटर, अदरक, हल्दी, भुनगा, केला और फलों के पेड़ उगाए गए हैं. बच्चे इन पौधों की नियमित देखभाल करते हैं, पानी लाने से लेकर पौधों की गुड़ाई करने तक हर काम में उत्साह दिखाते हैं. पकी हुई सब्जियाँ तोड़ते समय उनकी खुशी और उमंग देखते ही बनती थी. इस प्रक्रिया ने बच्चों को कड़ी मेहनत का महत्व और अपनी मेहनत का फल पाने की खुशी सिखाई.
फसल उत्सव का भव्य आयोजन
इस अवसर पर स्कूल में फसल उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें ग्राम पंचायत के अध्यक्ष पीके चंद्रशेखरन नायर ने मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. वार्ड सदस्य प्रिया संतोष ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस मौके पर शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष केएम सईद, वारपेट्टी कृषि अधिकारी सौम्या सनी, बिन्सी जॉन, सुभाष ईए, बिनी थॉमस, बीजो केके और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. कार्यक्रम में बच्चों और अभिभावकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया.
जैविक खेती प्रोत्साहन की दिशा में कदम
पंचायत अध्यक्ष पीके चंद्रशेखरन नायर ने बताया कि पंचायत की जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत इस स्कूल में खेती की शुरुआत की गई थी. इस योजना का उद्देश्य बच्चों को खेती की वैज्ञानिक विधियाँ सिखाना और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना है. स्कूल के हेडमास्टर बिजो केके ने कहा कि बच्चों ने खेती के हर चरण में भाग लिया, जिससे उनकी जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति समझ विकसित हुई.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 21:44 IST