बोलती दरारों और टूटती पिच पर विराट का शतक कई मायनों में खास

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नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया की सरज़मीं पर जब टीम इंडिया ने कदम रखा तो न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 0-3 से हार का दबाव था, बड़े बल्लेबाज़ रन नहीं बना पा रहे थे और पूरी टीम को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल था और विराट के फ़ॉर्म को लेकर कई सवाल थे. पर्थ टेस्ट से दस दिन पहले विराट लगातार नेट्स पर काम करते रहे अपने बचपन के कोच से बात करते रहे और 2018 की अपनी खुद की तकनीक का विशलेषण करते रहे. अंत में मैदान में पहते पसीने ने किस्मत की लकीरों को साफ किया और फिर वो हुआ जिसका सबको इंतजार था.

विराट कोहली का बल्ला आखिरकार चल ही गया. पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में विराट कोहली ने कमाल की सेंचुरी जड़ी. लंबे समय से खराब फॉर्म में चल रहे विराट कोहली ने अपने आलोचकों को जबरदस्त जवाब देते हुए सेंचुरी जड़ी. विराट कोहली ने टेस्ट करियर में 30वां शतक जड़ा है. बड़ी बात ये है कि विराट कोहली ने 491 दिनों के बाद टेस्ट फॉर्मेट में सेंचुरी लगाई है. विराट ने इससे पहले 20 जुलाई, 2023 को पोर्ट ऑफ स्पेन में शतक लगाया था, अब उनके बल्ले से से पर्थ में सेंचुरी निकली है.

हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा 

साल 2024 में विराट दो लड़ाई एक साथ लड़ रहे थे. मैदान के अंदर फॉर्म लगातार उनका साथ छोड़ रहा था और बाहर लोग उनके क्लास पर आए दिन सवाल खड़े कर रहे थे. कोई और होता तो टूट जाता, कोई आम खिलाड़ी होता तो दबाव में बिखर जाता पर वो तो विराट थे जिनको पता था कि समय बदलेगा और एक दिन हर तरफ विराट-विराट के नारे लग रहे होंगे. विराट को खुद के फुटवर्क और टेक्नीक और टेंपरामेंट पर संशय होने लगा था. न्यूजीलैंड के खिलाफ 6 पारियों में विराट जिस तरह से आउट हुए उससे उनका खुद का विश्वास डगमगा गया. पर विराट जानते थे कि खराब समय से सिर्फ एक चीज के सहारे बाहर निकला जै सकता है और वो है मेहनत और तकनीक पर काम. ऑस्ट्रेलिया दोरे पर रवाना होने से पहले विराट अपने आपको पुराने दौर में ले गए और वो सबकुछ किया जिससे वो ऑस्ट्रेलिया में विराट नजर आए.

कंगारुओ के खिलाफ कोहली का गुप्त कैंप 

विराट कोहली इस बार जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो उनके किटबैग में खेल के समान के साथ साथ अविश्वास, असफलता और आलोचना भी थी. विराट ने जब ऑस्ट्रेलिया में कदम रखा तो उनको ये समझ आ गया था कि अभी नहीं तो कभी नहीं. फिर क्या था टीम मैनेजमेंट के साथ मिलकर विराट ने पर्दे के पीछे शुरु की गुप्त ट्रेनिंग. 35-35 मिनट के तीन सेशन में विराट ने बल्लेबाजी की और हर सेशन में अपने लिए टार्गेट रखा. उछाल वाली पिच पर टेक्नीक , क्रीज पर समय बिताने के लिए टेंपरामेंट और शॉट्स में टाईमिंग पर काम किया. नेथन लायन के खिलाफ स्वीप शॉट और सलॉग स्वीप पर बहुत मेहनत की. नेट्स पर जिस अंदाज में कोहली मेहनत कर रहे थे उसको देखकर कप्तान बूमराह ने भी मैच से पहले प्रेस कॉंफ्रेंस में भी कहा कि विराट बहुत अच्छे लय में है और वो बड़ी पारी खेलने को बेताब है.

पर्थ में परिवार के सामने लौटी धार

विराट के बैट से सेंचुरी नंबर 30 तब आई जब उनका परिवार स्टेडियम में था. वो परिवार जो विराट के खराब फॉर्म में उनके साथ था पर लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रहा था , उसी परिवार के चेहरे पर एक अजीब सा सुकून था. शतक के बाद विराट जब पवेलिएन लौट रहे थे तो विराट अनुष्का की जब आंख मिली तो एक दूसरे पर गजब का आत्मविश्वास नजर आया. अनुष्का तो मानो ये कहना चाह रही थी कि तुम जैसे चैंपियन खिलाड़ी से ऐसे ही कमबैक की उम्मीद कर रही थी.विराट के लिए ये शतक खुद उनके लिए बेहद अहम है क्योंकि वो खुद जानते है कि पिछले एक साल से उन पर क्या गुजरी है और अब ये शतक उनके अंदर क्या बदलेगा इसका सबको इंतजर रहेगा.

Tags: Anushka sharma, Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, Rishabh Pant, Virat Kohli, Yashasvi Jaiswal

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 16:59 IST

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