इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) फिर सुर्खियों में है. लेबनान और ईरान जैसे देश पेजर ब्लास्ट के लिए मोसाद को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. पिछले हफ्ते लेबनान में एक साथ 1000 पेजर ब्लास्ट हुए, जिसमें हिजबुल्ला के एक दर्जन लड़ाकों की मौत हुई और करीब 200 से ज्यादा घायल हो गए. पेजर ब्लास्ट के अगले दिन वॉकी-टॉकी ब्लास्ट हुआ.
मोसाद (Mossad) अपनी स्थापना के बाद से ही हैरतअंगेज ऑपरेशन के लिए चर्चित रही है. उसकी गिनती दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसियों में होती है. मोसाद (Mossad) के सबसे खतरनाक मिशन में से एक है ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ या एन्तेबे ऑपरेशन जिसे साल 1976 में अंजाम दिया था. उस ऑपरेशन इजराइल के सिर्फ एक सैनिक की जान गई थी और वो थे इजरायल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई योनातन नेतन्याहू.
तेल अवीव से उड़े जहाज की हाईजैकिंग
27 जून 1976 को एयर फ्रांस की फ्लाइट इजरायल के तेल अवीव से पेरिस के लिए रवाना हुई. एथेंस में रिफ्यूलिंग के बाद फ्लाइट ने जैसे ही टेकऑफ किया चार हथियार बंद अपहरणकर्ताओं ने जहाज को हाईजैक कर लिया. पहले जहाज को लीबिया के बेनगाजी ले गए और वहां 7 घंटे रुकने के बाद जहाज को युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे पर ले जाया गया. हाईजैकर्स में दो फिलिस्तीनी नागरिक थे.
अपहरणकर्ताओं के साथ था तानाशाह
उस समय युगांडा में ईदी अमीन की सत्ता थी, जिसे दुनिया के सबसे बदनाम तानाशाहों में गिना जाता है. अमीन खुलकर अपहरणकर्ताओं के साथ खड़ा था. जहाज युगांडा पहुंचा तो चार और चरमपंथी हाईजैकर्स के साथ आ मिले. उन्होंने पैसेंजर्स की पहचान पूछनी शुरू की और फिर यहूदी यात्रियों को अलग कर दिया. हाईजैकर्स ने इजरायली गवर्नमेंट से 54 फिलिस्तीनी कैदियों को तुरंत रिहा करने की मांग की और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो यहूदी यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे.
ईदी अमीन को उसकी क्रूरता की वजह से लोग कसाई भी कहा करते थे.
इजरायल ने मोसाद को सौंपी जिम्मेदारी
एंतेबे एयरपोर्ट इजरायल से 4000 किलोमीटर दूर था. इजरायली सरकार समझ नहीं पा रही थी कि अपने पैसेंजर्स को कैसे छुड़ाया जाए. जहाज में कई हाई प्रोफाइल यात्री भी थे, जो खुद इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री के करीबी थे. इस नाते उन पर तुरंत मदद भेजने का दबाव था. इजरायली गवर्नमेंट ने बंधकों को छुड़ाने की जिम्मेदारी मोसाद को सौंपी. मोसाद ने पहले अपने एक एजेंट को एंतेबे एयरपोर्ट के सर्वे के लिए भेजा. उसने केन्या से जहाज किराए पर लिया और एंतेबे के ऊपर चक्कर काट कर उसकी तमाम तस्वीर खींची. इसी बीच एंतेबे हवाई अड्डे का नक्शा भी मिल गया.
डैम शॉमरॉन और नेतन्याहू को मिशन की कमान
इजरायली कमांडोज ने नक्शे के मुताबिक प्रैक्टिस शुरू कर दी. इजरायली कमांडो जब तक तैयारी कर रहे थे तब तक सरकार ने हाईजैकर्स को संकेत दिया कि वह उनसे बातचीत करने को तैयार है. ताकि थोड़ा और समय मिल जाए. सरकार ने ईदी अमीन को भी मनाने की कोशिश की लेकिन वो टस से मस तक नहीं हुआ. इजरायल ने मिशन को हिस्से में बांटा. ब्रिगेडियर जनरल डैम शॉमरॉन को मिशन हेड बनाया गया. तो लेफ्टिनेंट कर्नल योनाथन नेतन्याहू को फील्ड ऑपरेशन की कमान सौंपी गई.
योनाथन नेतन्याहू (फाइल फोटो)
मोसाद ने कैसे दिया हाईजैकर्स को धोखा
माइकल बार जोहार अपनी किताब ‘मोसाद: द ग्रेटेस्ट मिशन ऑफ द इजरायली सीक्रेट सर्विस’ में लिखते हैं कि ठीक उसी वक्त मॉरीशस में अफ्रीकी एकता संगठन की बैठक हो रही थी. ईदी अमीन उस बैठक में हिस्सा लेने रवाना हो गए. इजरायल ने इस मौके को भुनाने का फैसला किया. उन्होंने तय किया कि युगांडा ऐसे जहाज भेजे जाएंगे जिससे अपहरणकर्ताओं को लगे कि उसमें ईदी अमीन विदेश दौरे से वापस लौट रहे हैं. 4 जुलाई को इजरायल के 4 हरक्यूलिस विमान एंतेबे के लिए रवाना हुए.
कैसे सऊदी के रडार से बच निकले
इजरायली जहाज सिर्फ 30 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे थे ताकि मिस्र, सूडान या सऊदी के रडार उनको इंटरसेप्ट ना कर लें. करीब 7 घंटे की यात्रा करने के बाद हरक्यूलिस विमान एंतेबे हवाई अड्डे के ऊपर पहुचे. हवा में ही जहाज के रैंप खोल दिये गए ताकि एक सेकंड भी बर्बाद न हो. जहाज जब एंतेबे एयरपोर्ट पर उतरा तो उससे सबसे पहले एक काली मर्सिडीज उतारी गई जो युगांडा के राष्ट्रपति ईदी अमीन की मर्सिडीज से मिलती-जुलती थी ताकि अपहरणकर्ताओं को लगे कि उसमें ईदी अमीन वापस लौटे हैं. उसके ठीक पीछे दो लैंड रोवर गाड़ियां थीं जिनमें इजरायली कमांडोज बैठे थे.
20 मिनट में ऑपरेशन को दिया अंजाम
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली सैनिकों से यहां एक चूक हो गई. उन्हें पता ही नहीं था कि ईदी अमीन अब सफेद रंग की मर्सिडीज यूज करते हैं और एयरपोर्ट पर खड़े युगांडा के सैनिकों ने इसे भांप लिया. वो गोली चलाने लगे. इसके बाद इजरायली सैनिकों चंद सेकंड में उन्हें ढेर कर दिया और वे चीते की रफ्तार से उस बिल्डिंग की तरफ बढ़े जहां बंधकों को रखा गया था.
इस बीच इजरायल के दो और जहाज कमांडो को लेकर वहां पहुंच गए और पीछे चौथा जहाज भी आ गया, जो पूरी तरह खाली था. उसमें बंधकों को ले जाना था. करीब 20 मिनट के अंदर इजरायल ने अपने बंधकों को खाली जहाज में बैठा दिया. इजरायली कमांडोज ने एंतेबे हवाई अड्डे पर खड़े 11 फाइटर प्लेन भी उड़ा दिये ताकि युगांडा के सैनिक उनका पीछा ना कर सकें.
भाई की कब्र पर बेंजामिन नेतन्याहू
योनाथन नेतन्याहू की चली गई जान
इजरायली सैनिक जब लौटने लगे तो कंट्रोल टावर के ऊपर से एक गोली लेफ्टिनेंट कर्नल योनाथन नेतन्याहू के सीने में लगी और वह वहीं गिर पड़े. इजरायली कमांडोज उन्हें कंधे पर उठाकर जहाज तक ले आए. कॉकपिट में आवाज आई ‘मिशन कंप्लीट’ और इजरायली जहाज हवा में गोते खाने लगे.
Tags: International news, Israel, Israel News, Israeli PM
FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 11:54 IST