वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश का सबसे बड़ा और अनोखा पुल बनाया जाएगा. गंगा में मालवीय पुल के बगल में यह सिग्नेचर ब्रिज बनेगा. इस सिग्नेचर ब्रिज पर ऊपर सिक्स लेन की सड़क होगी और उसके नीचे रेल की चार लाइनें बिछाई जाएगी. यह पुल नमो घाट के करीब बनेगा. मोदी कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल गई है.
जानकारी के अनुसार, इस सिग्नेचर ब्रिज को बनाने में करीब 2642 करोड़ रुपए खर्च होगा. 2028 तक इस पुल के निर्माण का काम पूरा किया जाएगा. इस पुल के निर्माण के बाद इसका सीधा फायदा बिहार और पश्चिम बंगाल को भी मिलेगा. रेल लाइन विस्तार के बाद इन दोनों राज्यों का सफर आसान होगा. इसके अलावा सड़क मार्ग से भी लोग वाराणसी के चंदौली के रास्ते बिहार और पश्चिम बंगाल तक जा सकेंगे. जिसका सीधा फायदा दूसरे राज्यों के व्यवसायियों को होगा.
आटोमेटिक सिग्नल से होगा लैस
इस पुल की लंबाई 1 किलोमीटर से अधिक होगी. इसके अलावा इस पुल को इतना हाईटेक बनाया जाएगा कि रेल यातायात में भी सुगमता बढ़े. इस सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनने वाले 4 लाइन ट्रैक पर आटोमेटिक सिग्नल की व्यवस्था होगी. वाराणसी के 137 साल पुराने मालवीय पुल के तर्ज पर ही इसे बनाया जा रहा है.
137 साल बाद बनेगा नया पुल
बता दें कि वाराणसी में गंगा पर बना मालवीय पुल 1887 में ब्रिटिश सरकार द्वारा तैयार किया गया था. इस पुल पर भी ऊपर सड़क और नीचे 2 रेल लाईन बिछाई गई है. बढ़ते समय के साथ इस रूट पर ट्रेन और गाड़िया का दवाब बढ़ता गया है. जिसके कारण अब 137 साल बाद इस पुल के समानांतर एक और सिग्नेचर ब्रिज बनाया जा रहा है. यह सिग्नेचर ब्रिज गंगा पर बनने वाला अब तक का सबसे चौड़ा रेल और सड़क पुल होगा.
2018 में तैयार हुआ था प्रस्ताव
मोदी कैबिनेट से हरी झंडी के बाद इसके टेंडरिंग के की प्रकिया भी तेज हो गई है. उत्तर रेलवे को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि साल 2018 में ही इसको बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. अब करीब 2 साल बाद इसकी डिजाइन तैयार होने के बाद इसे धरातल पर उतारने की तैयारी है.
Tags: Ground Report, Local18, Varanasi news
FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 08:53 IST