Banke Bihari Temple History: ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का दीदार करने के लिए हर दिन हजारों भक्त आते हैं. यहां अपना मत्था टेकते हैं. मनोकामना मांगते हैं. लेकिन शायद ही किसी को पता हो की इस मंदिर को बनवाने के लिए किसने दान किया था. आइए जानते हैं 350 साल पुरानी दिलचस्प कहानी.
350 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर की कहानी
विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर हमेशा अपनी मान्यताओं के लिए जाना जाता है. यहां पर जो भी भक्त निराश होकर आता है, उसकी अरदास ठाकुर बांके बिहारी जरूर पूरी करते हैं. ठाकुर की यहां से कोई भी भक्त निराश नहीं लौटा है और यही वजह है कि हजारों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं.
किस राजा ने दान की थी जमीन
लोकल 18 की टीम से बातचीत में मंदिर के सेवायत पुजारी श्रीनाथ गोस्वामी उर्फ शालू गोस्वामी से. उन्होंने बताया कि मंदिर काफी पुराना है. इस मंदिर का निर्माण वृंदावन के गोस्वामियों के द्वारा निजी पैसे से कराया गया था. उस वक्त ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के निर्माण में लाखों रुपए की लागत आई थी. वृंदावन के सभी गोस्वामियों ने मिलकर निर्माण मंदिर का कराया था. भरतपुर के राजा ने यह जमीन वृंदावन गोस्वामियों को दान में दी थी और तकरीबन 350 वर्ष पुराना बांके बिहारी का यह मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है.
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लोकल 18 से बातचीत के दरमियान श्रीनाथ गोस्वामी ने यह भी बताया कि भरतपुर की एक राजा ने मंदिर बनाने के लिए जमीन दान की थी. राजा की दान की हुई जमीन पर मंदिर आज भी बना हुआ है. साल 1863 में श्री बांके बिहारी महाराज के लिए मंदिर का निर्माण भरतपुर के राजा रतन सिंह ने हास-परिहास बगीचे में कराया था. इसी बगीचे में मंदिर के आसपास सेवायत गोस्वामी परिवार बस गए. अब बिहारीजी कॉरिडोर प्रक्रिया में इन परिवारों के समक्ष स्वामित्व साबित करना कठिन हो रहा है. अधिकारी के पास स्वामित्व के कागजात नहीं हैं, उनके पास सिर्फ नगर निगम की टैक्स रसीद और बिजली बिल आदि हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:53 IST