किसान ने 125 मगरमच्छों को करंट लगाकर मारा, आप कहेंगे दरिंदा पर हकीकत तो कुछ और

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नई दिल्ली: जिस चीज को देखते ही हम थरथर कांपते हैं, जिसके सामने आने से ही प्राण सूख जाते हैं, उससे थाइलैंड का एक शख्स खेलता है. उसे पालता-पोसता है. हम बात कर रहे हैं मगरमच्छ की. थाईलैंड का रहने वाले नट्टापक खुमकड़ किसान हैं और वह लाम्फुन में मगरमच्छों का फार्म चलाते हैं. वह अपने फार्म में सैकड़ों मगरमच्छों को पालते हैं. मगर उन्हें अब मजबूरी में अपने ही पाले हुए मगरमच्छों को मारना पड़ा. थाईलैंड इस मगरमच्छ पालक को ‘क्रोकोडाइल एक्स’ के नाम से जाना जाता है. उसने बताया कि उसे 100 से अधिक लुप्तप्राय मगरमच्छों को मारना पड़ा. इसकी वजह है तूफान. किसान नट्टापक की मानें तो तूफान की वजह से उनके बाड़े को नुकसान पहुंचा था और ऐसे में इन मगरमच्छों के भागने का डर था. इस वजह से उन्हें मजबूरी में अपने मगरमच्छों को मारना पड़ा.

सीएनएन की खबर के मतुाबिक, 37 साल के नट्टापक खुमकड़ नॉर्थ थाईलैंड के लाम्फुन में मगरमच्छों का फॉर्म चलाते हैं. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने देखा कि उनके मगरमच्छों के बाड़े की दीवार गिरने वाली है, तो उन्होंने अपने मगरमच्छों के लिए नया घर खोजने की बहुत कोशिश की. लेकिन कोई भी जगह इतनी बड़ी या सुरक्षित नहीं थी कि उन मगरमच्छों को रखा जा सके, जिनमें से कुछ 4 मीटर (13 फीट) तक लंबे थे. ये मगरमच्छ बाड़े से बाहर निकलकर इलाके में घुसकर आम लोगों को नुकसान पहुंचा सकते थे. इस वजह से नट्टापक ने 22 सितंबर को इनमें से 125 मगरमच्छों को मार डाला.

मगमरच्छ पालक नट्टापक कहते हैं, ‘मुझे अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लेना पड़ा और उन्हें मारना पड़ा. मेरे परिवार और मैंने इस पर चर्चा की. अगर दीवार गिर जाती तो लोगों को बहुत ज़्यादा नुकसान होता. उस पर हमारा कंट्रोल नहीं होता. इसमें लोगों की जान और उनकी सुरक्षा का सवाल था.’ बता दें कि इस साल एशिया का सबसे शक्तिशाली तूफान टाइफून यागी इस महीने दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में आया. इस तूफान ने भारी बारिश और तेज हवाओं से भारी तबाही मचाई. थाईलैंड के उत्तरी इलाकों में भारी बारिश के कारण घर और नदी किनारे बसे गांव डूब गए. थाईलैंड में तूफान की वजह से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई.

नट्टापक अपने मगरमच्छ फार्म को 17 सालों से चला रहे हैं. इस साल से पहले तक हर बारिश और तूफान में यह सुरक्षित रहा. मगर तूफान टाइफून यागी की वजह से मगरमच्छों के बाड़े की दीवार कमजोर हो गईं. जब नट्टापक ने देखा कि बारिश की वजह से कटाव तेज हो रहा है तो उन्होंने 24 घंटे के भीतर ही यह फैसला लिया और उन्होंने करीब 125 मगरमच्छों को करंट लगाकर मार डाला. हालांकि, उन्होंने इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी थी. नट्टापक के पास अभी भी 500 छोटे मगरमच्छ हैं, जो एक से चार फीट लंबे हैं.

बता दें कि साइमीज मगरमच्छ लुप्तप्राय प्रजाति है मगर थाईलैंड में इस मगरमच्छ की खूब खरीद-बिक्री होती है. इस मगरमच्छ का का पालन-पोषण भी काफ़ी होता है. थाईलैंड में मगरमच्छ पालन एक फायदे का सौदा है. यहां करीब 1,100 रजिस्टर्ड मगरमच्छ फॉर्म हैं, जहां से हर साल 21.5 करोड़ डॉलर (करीब 1,700 करोड़ रुपये) की कमाई होती है. ये मगरमच्छ कभी पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया में पाए जाते थे. लेकिन शिकार और बड़े पैमाने पर पालन-पोषण की वजह से जंगलों में साइमीज मगरमच्छों की आबादी काफी कम हो गई है. अनुमान है कि अब इनकी गिनती केवल कुछ सौ रह गई है.

Tags: Crocodile connected Road, Crocodile Rescue, World news

FIRST PUBLISHED :

October 1, 2024, 09:15 IST

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