महाराजगंज: उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला एक ग्रामीण परिवेश वाला जिला है और यहां के ज्यादातर लोग खेती का काम करते हैं. यहां की भूमि बहुत ही उपजाऊ मानी जाती है. कृषि विभाग ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य खेती में यंत्रों का प्रयोग और उत्पादन को बढ़ाना है. इसके तहत विभाग कृषि यंत्रों और उपकरणों पर अनुदान देता है, जिससे किसान आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर अपनी कृषि गतिविधियों को अधिक प्रभावी और लाभकारी बना सकें. हाल ही में कृषि विभाग ने इस योजना के तहत बुकिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के माध्यम से किसान विभिन्न प्रकार के यंत्रों का चयन कर सकते हैं, जो उनके कृषि कार्यों में सहायक होंगे.
ई-लॉटरी में नहीं होने पर किसानों का पैसा होगा वापस
कृषि विभाग द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत 10001 से 100000 रुपये तक के अनुदान वाले उपकरणों के लिए बुकिंग शुल्क 2500 रुपये निर्धारित किया गया है. वहीं 100001 रुपये से अधिक के अनुदान वाले उपकरणों के लिए बुकिंग शुल्क 5000 रुपये होगा. यह शुल्क किसानों को ई-लॉटरी के माध्यम से चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए देना होगा. ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि किसी किसान का चयन ई-लॉटरी में नहीं होता है, तो उन्हें यह पैसा वापस कर दिया जाएगा. इस प्रकार किसानों को कोई आर्थिक जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा. उप कृषि निदेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के यंत्रों पर अनुदान की व्यवस्था की गई है. इनमें चैप कटर, ड्रम सीडर, इको फ्रेंडली लाइट ट्रैक, मिनी राइस मिल और लेजर लैंड लेवलर जैसे महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं.
किसानों के लिए ये है एक सुनहरा अवसर
यह सभी कृषि यंत्र किसानों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. जिससे वे अपने कार्य को अधिक कुशलता से कर सकें. इसके अलावा पोटैटो प्लांटर, स्ट्रॉ रीपर, रोटावेटर जैसे आधुनिक उपकरण भी इस योजना में शामिल हैं, जो किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग में मदद करेंगे. आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से किसान अपने खेतों की देखभाल और फसल उत्पादन में सुधार कर सकेंगे. इसका सीधा असर उनकी आय पर पड़ेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे. इसके अलावा, यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे तकनीकी रूप से सक्षम बन सकते हैं. इसके साथ ही यह उनकी फसल उत्पादन में सुधार लाने और खेती को अधिक लाभकारी बनाने में सहायक होगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 14:05 IST