कुत्ता काटने पर होने वाली रेबीज बीमारी कितनी खतरनाक, कैसे करती है शरीर में असर

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रेबीज का सबसे गंभीर लक्षण हाइड्रोफोबिया है. जिसमें व्यक्ति पानी से डरने लगता है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है. जब वायरस मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. इस स्थिति में मरीज को गले में घुटन, दर्द, और पानी की इच्छा होने पर भी पानी से डरने जैसे लक्षण होते हैं. एक बार यह लक्षण उभरने के बाद मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है.

यह जरूरी नहीं है कि रेबीज केवल कुत्ते के काटने से हो. हालांकि, रेबीज के लगभग 97% मामले संक्रमित कुत्तों के काटने से होते हैं. लेकिन यह बीमारी बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या अन्य जंगली जानवरों के काटने या नाखून मारने से भी फैल सकती है. रेबीज वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लिए इसका कोई इलाज नहीं होता है.

बचाव के उपाय
रेबीज से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका एंटी रेबीज टीकाकरण है. यदि किसी को जानवर काट ले या नाखून से खरोंच मार दे, तो तुरंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोकर साफ करना आवश्यक है. जिससे वायरस का खतरा कम हो सके. डॉक्टर आपके घाव पर एंटीबॉडी उपचार और टीका भी दे सकते हैं. जिससे वायरस का असर रोका जा सके.रेबीज के प्रति जागरूक रहना और समय पर सही कदम उठाना ही इस जानलेवा वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है.

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FIRST PUBLISHED :

September 28, 2024, 20:47 IST

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