Last Updated:February 04, 2025, 23:28 IST
Anna Hazar News: अन्ना हजारे ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला और कहा कि वह इस वक्त समाज और देश के बारे में नहीं बल्कि सत्ता और पैसे के बारे में सोच रहे हैं.
हाइलाइट्स
- अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर सत्ता और पैसे के पीछे भागने का आरोप लगाया.
- हजारे ने कहा कि जनता बुरे काम करने वालों को सबक सिखाएगी.
- हजारे ने लोकपाल और लोकायुक्त की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताया.
मुंबई. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के अगुआ अन्ना हजारे ने आईएएनएस के साथ एक खास बातचीत के दौरान अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मौजूदा स्थिति समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि राजनीति में केजरीवाल सत्ता और पैसे के पीछे व्यस्त हो गए हैं, जब तक वह समाज और देश के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक चाहे वह कितना भी पैसा कमा लें, कोई फायदा नहीं है.
आप संस्थापक अरविंद केजरीवाल के बारे में आपका क्या कहना है, जो चुनावी जंग में कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं?
राजनीति में केजरीवाल सत्ता और पैसे में व्यस्त हो गए हैं, जब तक वह समाज और देश के बारे में नहीं सोचेंगे, तब तक चाहे वह कितना भी पैसा कमा लें, कोई फायदा नहीं है. पहले केजरीवाल मेरे साथ थे, लेकिन जब सत्ता और पैसे का ख्याल उनके दिमाग में आया, शराब की दुकानों का ख्याल उनके दिल में घर कर गया, तो मैं उनके साथ नहीं गया. जब पार्टी लॉन्च करनी थी, तो मुझे बुलाया गया, मैं गया, लेकिन उनसे कहा कि जब तक सब सत्ता में हैं, मैं उनके साथ नहीं जाऊंगा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसकी जीत होगी?
बुरे काम करने वालों को जनता सबक सिखाएगी. केजरीवाल की जीत या हार का पता चुनाव नतीजों के बाद चलेगा. नतीजे बताएंगे कि क्या सही है और क्या गलत.
केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने को आप किस तरह देखते हैं?
जो लोग बुरे काम करेंगे उन्हें जेल जाना पड़ेगा। हमारा देश कानून के हिसाब से चलता है, देश में अनंत धर्म हैं, लेकिन उनके एक सूत्र में चलने का कारण ‘आध्यात्मिकता’ है. अलग-अलग पार्टियां हैं लेकिन सबसे ऊपर संविधान है, देश उसके और कानून के हिसाब से चलता है.
कुमार विश्वास और प्रशांत भूषण जैसे लोगों ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी छोड़ दी है. इसके पीछे की वजह क्या है?
लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार है, लेकिन अगर कोई गलत बात कहता है, तो समाज उसे सबक सिखाता है, अगर आप गलत रास्ते पर चलते हैं तो जनता आपको सबक सिखाती है. मैंने शराब के बारे में सोचने वाले लोगों को छोड़ दिया है. मैं प्रशांत भूषण और कुमार विश्वास से बात करता हूं, लेकिन मैं उन लोगों से बात नहीं करता, जो पैसे और सत्ता के पीछे भागते हैं.
क्या आप लोकपाल और लोकायुक्त की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हैं, क्योंकि आपने पहले भी इस पर धरना दिया था?
मैंने केंद्र में लोकपाल के गठन के लिए आंदोलन किया, संसद में बिल पास हुआ और अब दूसरा लोकपाल नियुक्त हो गया है. हाल ही में लोकपाल कानून पास हुआ और नियुक्तियां भी हुईं, लेकिन चीजें हमारी इच्छा के मुताबिक नहीं हुईं. लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्त हुए, लेकिन लोगों को जो अधिकार मिलने चाहिए, वह नहीं मिल पाए. अभी तक लोगों को कोई अधिकार नहीं मिला है, हालांकि, अब कुछ अधिकार मिल रहे हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. सूचना के अधिकार और लोकपाल के संबंध में केंद्र सरकार के कानून अच्छे हैं.
‘एक देश एक चुनाव’ पर आपके क्या विचार हैं?
अगर मुझे एक देश-एक चुनाव के पीछे का मकसद पता चल जाए तो मैं कुछ कहूंगा.
‘आध्यात्म और चल रहे महाकुंभ पर आपके क्या विचार हैं?
आध्यात्म के बिना जीवन नहीं बदलेगा. आध्यात्म का मतलब माला जपना नहीं, बल्कि दुखी लोगों और देश का भला करना है. कुंभ में आप जिस रंग का चश्मा पहनते हैं, उसी रंग से दुनिया देखते हैं, उस चश्मे का रंग देखना जरूरी है.
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
February 04, 2025, 23:28 IST