कोई शोऑफ नहीं, बैलगाड़ी में बहन का मायरा लेकर निकला भाई

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Last Updated:January 19, 2025, 12:47 IST

Mandsaur News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में भाई ने अपनी बहन के लिए कुछ ऐसा किया, जिसे जानकर आपका दिल भी खुश हो जाएगा. यहां एक भाई बैलगाड़ियों में अपनी बहन का मायरा निकाला. उन्होंने 12 किलोमीटर का लंबा सफर भी तय किया.

कोई शोऑफ नहीं, बैलगाड़ी में बहन का मायरा लेकर निकला भाई

MP News: मंदसौर में भाई ने निकाला बहन का मायरा.

मंदसौर. मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में आधुनिक युग में पुरानी संस्कृति की बड़ी झलक देखने को मिली. यहां भाई ने बैलगाड़ियों में अपनी बहन का मायरा निकाला. मंदसौर के बाबरेचा गांव के नागदा परिवार के भाई अपनी बहन के गांव रिन्डा बैलागाड़ियों में पहुंचे. उन्होंने 12 किलोमीटर का लंबा सफर भी तय किया. इसके साथ ही भगवान सांवरिया सेठ की आकर्षक झांकी भी थी. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग जमा हो रहे थे. मायरे में 12 गांव के पंचों ने भाग लिया. इस दौरान उनका जगह-जगह स्वागत भी किया

दिल को छू जाने वाला वाक्या है मंदसौर जिले के छोटे से बाबरेचा गांव का. नागदा परिवार के भाई ने अपनी बहन का मायरा भरने के लिए 11 बैलगाड़ी से मायरा लेकर 12 KM दूर गांव रिंडा पहुंचे. जहां नगर सरकार, गांव प्रधान सरपंच ने पूरे ग्रामवासियों को साथ लेकर मायरा आदर सत्कार के साथ जोरदार स्वागत किया. बीच गांव लदुसा, पिण्डा में भी जगह-जगह मायरा का स्वागत किया गया.

समाज में पेश की मिसाल
बाबरेचा गांव के नागदा परिवार ने अपनी बहन का मायरा पुरानी संस्कृति के साथ निकाला. इस परिवार का सपना नई पीढ़ी को दिखाने और पर्यावरण को बचाने का संदेश देने का था, जिसको अब पूरा भी कर लिया गया है. परिवार को बैलगाड़ियों से मायरा ले जाने का महज 15 दिनों पहले विचार आया. फिर उन्होंने रविवार की सुबह 11 बैलगाड़ी से मायरा शुरू हुआ.

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सबसे आगे वाली गाड़ी में भगवान सांवरिया सेठ की पालकी बैठाई गई थी. उसी में सगे दो भाई गाड़ी पालकी को लेकर बैठे थे. उनका कई जगह गांव में लोगों ने नुक्कड़ और चौराहे पर जबरदस्त स्वागत किया. मायरा लेकर बैलगाड़ी से भाई पहुंचे तो बारा 12 गांव के सभी समाज के पटेलों को गाड़ियों में बैठाया गया. वहीं समाज के भाई लोग अपने निजी वाहनों से साथ भी चलते रहे. मायरा मंदसौर तहसील के बाबरेचा से शुरू हुआ, जो नजदीक के 12 किलोमीटर दूर रिंडा गांव पहुंचा. यहां के नगर वासियों ने गांव प्रधान सहित सभी सामाजिक संस्थानों ने मायरे का स्वागत किया. इसके बाद मेहमानों का भोजन प्रसादी हुआ. फिर पूरे रीति रिवाज के साथ बहन को मायरा पहनाया गया.

Location :

Mandsaur,Madhya Pradesh

First Published :

January 19, 2025, 12:47 IST

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