नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज में भारत के लिए सबसे अहम खिलाड़ी कौन हो सकता है. वह कौन है, जिसकी परफॉर्मेंस टीम के प्रदर्शन को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने वाली है. इस सवाल के जवाब में शायद विराट कोहली, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह के नाम पहले आएं. लेकिन यकीन मानिए इन सबसे ज्यादा अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन अहम रहने वाला है तो हैं यशस्वी जायसवाल. अगर भारत को सीरीज जीतनी है तो यशस्वी को वही काम करना होगा, जो उन्होंने कभी वीरेंद्र सहवाग करते थे और जिसे इस मुंबइया बैटर ने बड़े सलीके से अपनाया है.
22 साल के यशस्वी जायसवाल ने एक साल पहले ही टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया है. यशस्वी ने इस एक साल में ही वर्ल्ड क्रिकेट में तूफानी बैटर की पहचान बना ली है. टेस्ट क्रिकेट में चाहे स्ट्राइक रेट की बात हो या औसत और या फिर तेजी से हजार रन पूरे करने की. ऐसी हर लिस्ट में यशस्वी जायसवाल का नाम टॉप-5 या टॉप-10 में जरूर दिखेगा. इस क्रिकेटर ने अभी 14 ही टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन उन्होंने इस छोटे से करियर में ही 56.28 की औसत से 1407 रन बना डाले हैं. स्ट्राइक रेट 70.13 है तो सर्वोच्च स्कोर 214 है.
यशस्वी जायसवाल हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी शानदार फॉर्म में नहीं थे. वे सीरीज में सिर्फ एक अर्धशतक लगा पाए. भारतीय टीम यह सीरीज 0-3 से हार गई. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में यशस्वी टीम के लिए कितने अहम हो गए हैं. उनकी नाकामी टीम पर भारी पड़ने लगी है. उनका बेहतरीन प्रदर्शन टीम की जीत का रास्ता तैयार कर रहा है.
भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में भी यशस्वी जायसवाल की भूमिका निर्णायक रहने वाली है. भारतीय टीम पर्थ में जब मैदान पर उतरेगी तो यशस्वी जायसवाल का जोड़दार कौन होगा, यह भी तय नहीं है. लेकिन यह तय है कि ऑस्ट्रेलिया के पेस अटैक को अगर कोई बैकफुट पर धकेल सकता है तो वह यशस्वी जायसवाल हैं. यशस्वी अटैकिंग बैटर हैं और पहले ही ओवर से रन बनाना पसंद करते हैं. अगर यशस्वी अपनी चिरपरिचित अंदाज में बैटिंग करते हैं तो भारत अक्सर लंच ब्रेक के समय तक 100 रन के आसपास पहुंच जाता है, जिससे विरोधी टीम को प्लान बी में उतरना पड़ता है.
भारतीय टीम में विराट कोहली जैसा सुपर स्टार है तो ऋषभ पंत जैसा काउंटर अटैक करने वाला खिलाड़ी. लेकिन यकीन मानिए बैटिंग में अगर किसी की कामयाबी भारत को सबसे अधिक फायदा दिला सकती है तो वह यशस्वी जायसवाल की है. उनके चलने का मतलब है कि दूसरे बैटर को क्रीज पर सेटल होने का मौका मिलना. हमने सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के जमाने से देखा है कि जब ये बैटर जम जाते थे तो दूसरे बैटर का काम भी आसान कर दिया करते थे. उम्मीद है यशस्वी ऐसा ही करेंगे.
अगर यशस्वी अपने इस खेल में नाकाम होते हैं तो उसका सीधा दबाव मिडिलऑर्डर पर पड़ेगा. कोई भी भारतीय फैन नहीं चाहेगा कि विराट कोहली या ऋषभ पंत को जल्दी बैटिंग के लिए उतरना पड़े. अगर ऐसा हुआ तो कोहली या पंत टीम को संभालकर आगे तो ले जा सकते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया पर शायद वह दबाव ना बने, जो यशस्वी की शुरुआत में ही की गई पिटाई से बन सकता है. रही बात जसप्रीत बुमराह या किसी और बॉलर की, तो उनकी भूमिका तभी शुरू होगी जब बोर्ड पर अच्छे रन लगे हों. हमने न्यूजीलैंड की सीरीज में देखा कि गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भारत नहीं जीत सका था. वजह भी सबको पता है- भारत की खराब बैटिंग. इसीलिए अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतनी है तो ओपनर्स खासकर यशस्वी को अच्छी शुरुआत देनी होगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 12:25 IST