पथरीला रास्ता, पानी के बिना बेहाल ग्रामीण! कछार की तस्वीरें दिल दिल दहला देंगी

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वन ग्राम कछार की महिला

Balaghat News: बालाघाट के वन ग्राम कछार में 32 आदिवासी परिवार बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन जी रहे हैं. नल-जल योजन ...अधिक पढ़ें

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बालाघाट. कटंगी शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव है, जहां पर न पीने के पानी की व्यवस्था है न ही आने जाने के लिए सड़क. इस गांव में सिर्फ ऐसे चार बच्चे हैं जो 8वीं कक्षा के बाद की पढ़ाई कर पा रहे हैं. प्रशासन की नजर से देखा जाए, तो यहां सिर्फ 32 आदिवासी परिवारों के घर हैं. उनका कहना है कि आदिवासी इस तरह जीवन जीने के आदी होते हैं. साथ ही आदिवासियों के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

दरअसल, 32 आदिवासी परिवारों वाला वन ग्राम कछार शहर से 15 किलोमीटर दूर बालाघाट-सिवनी जिले की सीमा पर स्थित है. यहां के हालातों की जानकारी मिलने पर Local 18 की टीम इस वन ग्राम पहूंची.

नल-जल योजना पड़ी है ठप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस योजना का जिक्र अपने भाषणों में बार-बार करते हैं, वह योजना गांवों में आते-आते दम तोड़ देती है. दरअसल, वन ग्राम कछार में साल 2021 में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना शुरू हुई थी. लेकिन यह योजना कभी ठीक से संचालित ही नहीं हो सकी है. यह योजना दो साल बाद ही ठप हो गई. ऐसे में ग्रामीणों को पानी भरने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीण बताते हैं कि उनके गांव में एक हैंडपंप है, जो लगभग तीन महीने से खराब है. इसे सुधारने के लिए ग्रामीणों ने कई अर्जियां लगाई है लेकिन अब तक उनकी सुनवाई नहीं हो सकी है.

गांव जानें के लिए सड़क है खराब
जब लोकल 18 की टीम इस गांव पहुंच रही थी. तब हमें कच्चे रास्ते से जाना पड़ा, जो काफी पथरीला था. ग्रामीण बताते हैं कि बारिश के मौसम इस रास्ते से आना-जाना बेहद कठिन हो जाता है. यह गांव ग्राम पंचायत जमुनिया के अंतर्गत आता है. ऐसे में पंचायत जाने के लिए 12 किलोमीटर का कच्चा रास्ता तय करना पड़ता है.

कई घर जर्जर हालत में, सिर्फ 6 लोगों मिला PM आवास योजना का लाभ
इस गांव में कई लोगों की घरों के हालत खराब है. लेकिन इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास नहीं मिल पा रहा है. बारिश के दिनों में यहां रहना मुश्किल हो जाता है.

एसडीएम बोले- इसे राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया जारी
लोकल 18 की टीम ने इस गांव की समस्या को लेकर कटंगी के एसडीएम से फोन पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस गांव की बेहतरी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही वनग्राम होने से इस गांव में कोई कार्य करने के लिए वन विभाग से NOC लेनी होती है. हालांकि, इसे वनग्राम से राजस्व ग्राम बनाने प्रक्रिया जारी है.
Edited By- Anand Pandey

Tags: Local18, Madhya pradesh news, PM Awas Yojana, Tribal Culture

FIRST PUBLISHED :

November 25, 2024, 16:08 IST

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