छतरपुर. जिले के लवकुश नगर में 10 साल पहले एक वृद्धाश्रम खोला गया था जहां शुरुआत में एक-दो बुजुर्ग थे. लेकिन मानवता और नैतिक मूल्यों की कमी के चलते अब इसमें वृद्ध जनों की संख्या बढ़ती जा रही है. बेसहारों को सहारा देने वाले इस वृद्धाश्रम में रहने वाले सुनिए बुजुर्गों की कहानी…
यूपी के बांदा जिले के रहने वाले बुजुर्ग नंदगिरि लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि 3 महीने पहले ही बांदा से एमपी के इस वृद्धाश्रम में आया हूं. बांदा में तो वृद्धाश्रम है लेकिन वहां रहने से घर के बच्चों को तकलीफ होती. समाज के लोग उनको बातें सुनाते कि अपने बूढ़े बाप को नहीं खिला पा रहे हो. इसलिए यूपी से एमपी के छतरपुर के वृद्धाश्रम में पता किया. लेकिन यहां के वृद्धाश्रम में जगह नहीं थी. यहां से पता चला कि लवकुश नगर के वृद्धाश्रम खाली है. फिर यहीं आकर रहने लगे.
दो बेटे लेकिन फिर भी लाचार
मेर दो बेटे हैं. इनके लिए घर भी बनवा कर दे दिया. सबकुछ इनको दे दिया. लेकिन इसके बाद भी बड़ी बहू ने रोटी देने से मना कर दिया. बड़े बेटे का फर्ज है कि वह अपने बाप को रखे और सेवा करे. जब घर से बेइज्जत करके भगा दिया तो किस परिवार को याद करें. पत्नि से भी मोहभंग हो गया है. छोटा बेटा है जिसे याद कर लेता हूं, पर वह भी दिल्ली कमाता है, उसके साथ वहां कहां रहूंगा. छोटे बेटे से अभी मिलकर आया हूं.
नाती करता था प्रताड़ित
वहीं दूसरे बुजुर्ग मइयादीन कहते हैं कि मैं नाती से परेशान था. इसलिए यहां भाग आया. मेरा लड़का दिल्ली कमाता है. नाती मुझसे पैसे मांगता था. इस उम्र में मजदूरी करके कहां से पैसे लाता. पैसे न देने पर कई बार तो मारा भी है. लेकिन मैंने नाती समझकर पुलिस में शिकायत नहीं की. अपना मन मारकर सीधे इस वृद्धाश्रम में आ गया.
महिला समिति द्वारा वृद्धाश्रम का संचालन
लवकुश नगर का ये वृद्धाश्रम समग्र विकास महिला समिति द्वारा संचालित किया जाता है. ये वृद्धाश्रम एक एनजीओ के तहत संचालित किया जा रहा है. इस एनजीओ का संचालन उपकार कौर करती हैं. वहीं विमला देवी इस वृद्धाश्रम का प्रबंधन देखती हैं.
Edited By- Anand Pandey
Tags: Chhatarpur news, Local18, Madhya pradesh news
FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 17:56 IST