ग्वालियर. ग्वालियर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव पर उनके सरकारी गाड़ी के ड्राइवर रंजीत सिंह जाट ने प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. रविवार रात 11 बजे कर्मचारी घर पर लेटर छोड़कर गायब हो गया था. पुलिस ने फौरन गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की. लापता युवक को उसकी मोबाइल लोकेशन के आधार पर सोमवार सुबह स्टेशन के पास से बरामद किया गया. लापता युवक का कहना है कि वह रात को मथुरा गया था, जहां अपनी जान देना चाहता था. बिजौली इलाके में रहने वाला 27 साल का रंजीत सिंह जाट नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारी है. वह नगर निगम डिप्टी कमिशनर अतिबल सिंह यादव का गाड़ी चलाता है.
रविवार-सोमवार दरमियानी रात 1 बजे रंजीत का साला बिजौली थाना पहुंचा और बताया कि उसके जीजा रंजीत जाट 4-5 घंटे से गायब हैं. जब उनका कमरा चेक किया तो एक लेटर मिला. इसमें अधिकारी अतिबल की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने की बात का जिक्र किया. यह 2 पेज का नोट हाथ में आते ही पुलिस हरकत में आई.
लेटर छोड़कर गायब हो गया था ड्राइवर
एसडीओपी संतोष पटेल ने मामले काे वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया. बिजौली थाना प्रभारी प्रीति भार्गव ने अपनी टीम के साथ कर्मचारी की तलाश शुरू की. सोमवार सुबह कर्मचारी को मोबाइल लोकेशन के आधार पर स्टेशन के पास से बरामद किया गया. हालांकि अफसरों का कहना है कि वह खुद थाना लौट आया था. लौटने के बाद रंजीत का कहना है कि वह जान देने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा था, लेकिन यहां से ट्रेन में चढ़कर मथुरा पहुंच गया था. वहां जाकर उसके मन को शांति मिली और अचानक पत्नी और बच्चों की फिक्र सताने लगी. फिर मन बदला और लौट आया.
ड्राइवर ने लेटर में क्या लिखा
‘मेरा नाम रंजीत सिंह जाट है. मैं नगर निगम में आउससोर्स कर्मचारी (ड्राइवर) हूं. अभी मैं 2 साल से डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव के यहां दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे की ड्यूटी पर हूं. मुझे अतिबल सिंह यादव मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है. अब मैं क्या करूं, दारू पीकर मुझसे गालियां दी जाती है. धक्का मुक्की की जाती है. जो मेरा काम नहीं है जैसे झूठे बर्तन उठवाना, साफ-सफाई करवाते हैं. मेरे मना करने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देते हैं.
दबाव में आकर मुझे यह काम करना पड़ता है. उसके बाद भी रात को दारू पीकर गालियां देते है. मेरी ड्यूटी दोपहर 2 से रात 10 बजे तक की है, लेकिन रात 12 से 1 बजे तक छोड़ते है. मेरा घर हाइवे पर 15 किलोमीटर दूर है, जिससे कभी भी मेरे साथ घटना हो सकती है. 23 नवंबर की रात 10 बजे मुझे डिप्टी कमिश्नर ने गालियां दीं तो मैंने विरोध किया. जिस पर उनका कहना था कि कल से नौकरी पर नहीं आना, अब मैं अपने परिवार को मरने नहीं छोड़ सकता हूं इसलिए परेशान होकर आत्महत्या करने जा रहा हूं. ‘
मामले में डिप्टी कमिश्नर नगर निगम अतिबल सिंह यादव ने सारे आरोप झूठे बताए हैं. SDOP बेहट संतोष पटेल का कहना है कि आउट सोर्स कर्मचारी ने निगम के अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है.
Tags: Gwalior news, Mp news
FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 18:01 IST