पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल्हड़ पिज्जा कपल (Kulhad Pizza Couple News) के नाम से मशहूर सोशल इनफ्लुएंसर सहज अरोड़ा और गुरप्रीत कौर को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है. दरअसल, सहज अरोड़ा और गुरप्रीत कौर ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें निहंग सिखों की तरफ से जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उनकी जान को खतरा है. इसके बाद हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. साथ ही न्यायालय ने कपल को फौरन सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है.
कुछ दिन पहले ही निहंग सिखों के एक समूह का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो गुरप्रीत कौर और सहज अरोड़ा को धमकाते नजर आ रहे थे. उनका तर्क था कि सहज अरोड़ा और गुरप्रीत कौर जिस तरीके के वीडियो-रील बनाते हैं, वो सिख धर्म के लिए ठीक नहीं है. सहज अरोड़ पगड़ी पहनने का कोई अधिकार नहीं है. आखिर कौन हैं निहंग सिख जिन्होंने कुल्हड़ पिज्जा कपल को धमकी दी है?
कौन हैं निहंग सिख?
सिखों समुदाय के बीच स्वभाव से आक्रामक और हथियार रखने वाले एक खास तबके के सिखों को निहंग सिख कहा जाता है. निहंग एक फारसी शब्द है, जिसका मतलब होता है मगरमच्छ. श्री गुरु ग्रंथ साहिब और श्री दशम ग्रंथ साहिब में भी निहंग शब्द का जिक्र मिलता है. सिख लड़ाकों को यह नाम मुगलों ने दिया. इसकी वजह ये थी कि जिस तरीके से पानी के अंदर मगरमच्छ से कोई मुकाबला नहीं कर सकता, ठीक उसी तरह से युद्ध के मैदान में सिख लड़ाकों का मुकाबला कोई नहीं कर पाता था.
कैसे दूसरे सिख से अलग
धीरे-धीरे सिख लड़ाके निहंग के नाम से पहचाने जाने लगे. निहंग सिखों (Nihang Sikh) को आम सिख के मुकाबले तमाम नियम कायदों का पालन करना होता है. जिसमें चार चीजें मुख्य हैं. निहंग सिख रोज गुरबानी का पाठ करते हैं, बाणे में रहते हैं, भ्रमण करते रहते हैं और अस्त्र-शस्त्र का अभ्यास करते रहते हैं. निहंग सिख एक खास तरह का परिधान पहनते हैं, जिसे चोला कहते हैं. यह नीले रंग का होता है. इसके साथ ही पंखदार पगड़ी धारड़ करते हैं.
दो तरह के निहंग सिख होते हैं
निहंग सिखों (Nihang Sikh) के लिए शस्त्र विद्या में पारंगत होना अनिवार्य है. उन्हें शस्त्र विद्या के दौरान पांच चीजें सिखाई जाती हैं. पहला- अपने विदेशी विरोधी पर काबू करना, दूसरा- उसे कमजोर करना, तीसरा- हमले को रोकना, चौथा- हमले के लिए सही जगह का चुनाव करना और पांचवां- आखिर में हमला करना. निहंग सिखों (Nihang Sikh) में भी दो समूह होते हैं. एक समूह जो ब्रह्मचर्य का पालन करता और दूसरा गृहस्थ होता है. गृहस्थ निहंग सिख की पत्नियां भी चोला धारण कर सकती हैं और बच्चे भी चोला धारण करते हैं. सभी एक समूह में रहते हैं और किसी एक जगह टिक कर नहीं रहते.
निहंग सिखों के बारे में ये भी जान लीजिये
- निहंग सिखों का इतिहास 350 साल से भी पुराना है
- निहंग सिखों को तलवार चलाने, युद्ध, और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाती है
- निहंग सिख युद्ध की हर कला को जानते हैं. कई खतरनाक करतब दिखाने में माहिर होते हैं
- निहंग सिखों को ‘गुरु की फ़ौज’ भी कहा जाता है
- निहंग सिख हमेशा अपने साथ खंजर रखते हैं. हाथ में कड़ा होता है
- निहंग सिखों का एक झंडा होता है, जिसके बीच में निशान साहिब होता है
- निहंग सिखों के तीन दल होते हैं- तरना दल, बिधि चंद दल, और बुड्ढा दल
राम मंदिर आंदोलन में भूमिका
निहंग सिख अपनी जान की बाजी लगाने के लिए मशहूर हैं. इनका जिक्र राम मंदिर आंदोलन में भी मिलता है. अयोध्या के विवादित ढांचे के अंदर घुसने वाला पहला शख्स एक निहंग सिख था. जब इस मामले में पहली एफआईआर हुई तो वह इसी निहंग सिख फकीर सिंह खालसा के खिलाफ हुई. दिल्ली के किसान आंदोलन में भी निहंग सिखों की भागीदारी देखने को मिली थी. अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित निहंग सिख सिंघु बॉर्डर पर डट गए थे.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 11:48 IST