Last Updated:February 01, 2025, 22:52 IST
Delhi Chunav: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को बजट पेश किया. इसमें खासकर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी गई है. दिल्ली में मिडिल क्लास वोटर्स की संख्या तकरीबन आधी है. तो क्या...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले मिडिल क्लास को बड़ी राहत
- राष्ट्रीय राजधानी में मिडिल क्लास वोटर की आबादी 45 फीसद है
- पिछले दो बार के विधानसभा चुनावों में मिडिल क्लास AAP के साथ
नई दिल्ली. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने शनिवार को फाइनेंसियल ईयर 2025-26 के लिए आम बजट संसद में पेश किया. देश के लाखों-करोड़ों नौकरीपेशा और मिडिल क्लास के लोगों की निगाहें बजट पर टिकी थीं. उनकी सभी उम्मीदें इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव पर टिकी थीं. वित्त मंत्री सीतारमण इस बार उन्हें निराश नहीं किया और एक ही झटके में उनकी झोली भरते हुए उनकी मुराद पूरी कर दी. इस बार के बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की गई है. इससे देशभर के लाखों लोगों को फायदा होगा. बजट घोषणा से खासकर मध्य वर्ग की बल्ले-बल्ले हो गई है. अब सवाल उठता है कि केंद्र सरकार के इस फैसले का दिल्ली चुनाव पर कितना असर पड़ेगा. चुनावों में क्या BJP को इसका फायदा मिलेगा और मिडिल क्लास के समर्थन से प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी दूसरे एंड पर होगी? यहां यह गौर करने वाली बात है कि दिल्ली में मध्य वर्ग की आबादी तकरीबन आधी है.
दिल्ली चुनाव की सरगर्मी के बीच इस बार का बजट पेश किया गया है. इसमें मिडिल क्लास के लिए तोहफों की बरसात की गई है. खासकर इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ा दिया गया है. अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. दिल्ली में 5 जनवरी को वोटिंग है और 8 फरवरी को काउंटिंग होने वाली है. उससे पहले बजट घोषणाओं से बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ना तय है. बता दें कि चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि दिल्ली केंद्रित किसी तरह की घोषणा नहीं की जा सकती है. इनकम टैक्स रिलीफ से सिर्फ दिल्ली के लोगों को ही लाभ नहीं होगा, बल्कि देशभर के लोग इससे लाभान्वित होंगे. देश के हजारों-लाखों नौकरीपेश और मिडिल क्लास की मुराद इससे पूरी हो गई.
मिडिल क्लास कितना अहम
बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली के चुनाव में मिडिल क्लास कितना अहम है? उपलब्ध आंकड़ों पर भरोसा करें तो दिल्ली में मिडिल क्लास लोगों की संख्या कुल आबादी का 45 फीसद है. यह नेशनल एवरेज से कहीं ज्यादा है. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 31 फीसद है. दिल्ली में मिडिल क्लास की आबादी सार्वाधिक है, ऐसे में चुनावों में इनकी भूमिका निर्णायक रहने वाली है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी ने इसी मिडिल क्लास के दम पर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी. बिजली और पानी को लेकर की गई घोषणाओं ने लोगों को बड़ी राहत दी थी. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी मिडिल क्लास ने बीजेपी को पूरा समर्थन दिया था. लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा का प्रदर्शन शत प्रतिशत रहा था.
पीएम मोदी का वह बयान…
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने मध्यम वर्ग की बात की है. बजट सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि मां लक्ष्मी हमारे देश के गरीबों और मध्यम वर्ग पर अपनी कृपा बनाए रखें.’ भाजपा और आप के साथ कांग्रेस दोनों की उम्मीदें निर्णायक मिडिल क्लास पर टिकी हैं. यह वही मिडिल क्लास है, जिसने लगातार 15 सालों तक कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था. उसके बाद यह वर्ग आप की तरफ झुक गया था. पिछले दो चुनावों से मिडिल क्लास आप का भरपूर साथ दे रही है. अब भाजपा को उम्मीद है कि आयकर राहत की घोषणा के साथ मिडिल क्लास वोटर्स का झुकाव उसकी तरफ होगी और वोट ट्रांसफर होगा.
इनकम टैक्स रिलीफ
नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय को समाप्त कर दिया गया है, जबकि 12 लाख रुपये से अधिक की आय वालों के लिए महत्वपूर्ण लाभ वाले विभिन्न स्लैब हैं. बजट घोषणा के बाद बीजेपी ने कहा कि मिडिल क्लास नेशन बिल्डिंग में मदद करता है. टैक्स रिलीफ राष्ट्र निर्माण में मध्यम वर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता को मान्यता देता है. भाजपा को उम्मीद है कि इस कदम को दिल्ली के मध्यवर्गीय मतदाता भी पहचानेंगे और सराहेंगे.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 01, 2025, 22:51 IST