नई दिल्ली. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भले अपना बंगला खाली कर दिया है, लेकिन इस बंगले से जुड़ा अतीत अभी भी उनका पीछा करना नहीं छोड़ रहा है. केजरीवाल खुद तो 5 फिरोजशाह रोड शिफ्ट हो गए, लेकिन 6 फ्लैग स्टॉफ रोड वाले बंगले को लेकर घमासान मच गया है. सूत्रों की मानें तो इस बंगले में रहने के लिए कई दावेदार हो गए हैं. हालांकि, एलजी ने अभी इस बंगले को लेकर चुप्पी साध ली है. लेकिन, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अभी से ही आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि बीजेपी के एक नेता या फिर नए चीफ सेक्रेटरी को भी ये बंगला देने की तैयारी चल रही है.
आपको बता दें कि बीजेपी के एमएलए हों या दिल्ली के टॉप क्लास के अधिकारी सभी इस बंगले में रहने का शौक पाले बैठे हुए हैं. सभी की इच्छा है कि एक बार इस बंगले में रहकर विदेशी टायल्स और ऑटोमेटिक कमोड का इस्तेमाल करने का सालों पुराना शौक पुरा कर लिया जाए. आखिर टॉयलेट, मार्बल, वुडन वर्क पर जो 44 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, उस मकान में रहने का फिल भी पता होना चाहिए.
बंगला को लेकर दिल्ली में सियासत
बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का सामान सिविल लाइंस स्थित 6- फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले में पहुंच गया था. लेकिन, उन सामानों को फिर से सीएम आवास से निकाल दिया गया. बीते सोमवार से ही आतिशी का सामान इस बंगले में पहुंचाया जा रहा था. इस बीच आतिशी को भनक लगी कि बंगला सील होने जा रहा है तो आनन-फानन में बंगले पर पहुंची. पहले तो आतिशी ने सभी कर्मचारियों से मुलाकात और परिचय लिया. लेकिन, पीडबल्यूडी के अधिकारी वहां पहुंच कर नियमों का हवाला देते हुए आतिशी को बंगले से जाने को बोल दिया.
क्यों बंगला हुआ सील?
अरविंद केजरीवाल सीएम के तौर पर इस बंगले में लगभग 10 सालों तक रहे. बीते 4 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी ने एक्स हैंडल से अरविंद केजरीवाल और उनके परिवार का ‘शीशमहल’ छोड़ते हुए फोटो और वीडियो जारी किया था. इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि अब इस बंगले में दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी आकर रहना शुरू कर देंगी.
लेकिन, इसी बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल ने बंगले की चाबी फि वापस ले ली. इस पर विपक्षी पार्टियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने आवास खाली कर दिया था और चाबी भी सौंप दी थी. लेकिन, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी झूठ फैलाती रही. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘केजरीवाल ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था. उन्होंने एलजी साहब से मांग की है कि पूरे प्रकरण की गहराई से जांच हो. जब तक बंगले की जांच नहीं होगी तब तक किसी को भी चाबी नहीं सौंपी जानी चाहिए. अभी यह जांच प्रक्रिया चल रही है, इस बंगले में कई राज छिपे हैं.’
क्या कहते हैं विपक्षी नेता
वहीं, दिल्ली प्रदेश कॉग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में बताया कि केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टॉफ रोड छोड़कर फिर से जबरन शीशमहल पर कब्जा करना दर्शताा है कि कुछ तो इस बंगले में खास है. आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयानों साफ झलक रहा है कि यह बंगला पाने में बड़ी बेचैनी है. शीश महल में छिपे शराब घोटाले, शीशमहल में अवैध निर्माण, पेड़ कटाई, स्वाति मालीवाल और पूर्व मुख्य सचिव से मारपीट जैसे संवेदनशील मामलों के कई राज छिपे हैं, जिसकी पुष्टि सतर्कता विभाग द्वारा अधिकारियों को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगने पर स्पष्ट दिखाई देती है. पीडब्लूडी द्वारा शीशमहल को सील करना प्रशासनिक कार्यवाही है.’
क्या है पीडब्ल्यूडी का नियम
पीडब्ल्यूडी के एक पूर्व अधिकारी की मानें तो 6 फ्लैग स्टॉफ रोड सरकारी भवन यदि मुख्यमंत्री आतिशी को ही देना है तो आम आदमी पार्टी के नेता, मंत्री और मुख्यमंत्री सरकारी प्रक्रिया का इंतजार क्या नहीं कर सकते? क्या संवैधानिक पद पर आसीन आतिशी यह करना उचित था? जबकि अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, आतिशी प्रशासनिक प्रक्रियाओं का इंतजार करना चाहिए था, क्योंकि सरकारी बंगला के आवंटन में कुछ प्रशासनिक कार्यवाही होनी जरुरी होती है.’
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बता दें कि सतर्कता विभाग उस पीडबल्यूडी अधिकारी से जवाब मांगा है, जिसको अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने चाबी सौंपा था. केजरीवाल द्वारा बंगले की चाबी सौंपना फिर वापस लेने के मामले में पीडब्लूडी विभाग प्रवेश रंजन झा से जवाब मांग चुका है. सतर्कता विभाग झा सहित तीन अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है ये बताता है कि अभी यह बंगला किसी को नहीं दिया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 16:40 IST