भारतीय ज्ञान को लेकर खंडवा के सबसे बड़े कॉलेज श्री नीलकंठेश्वर कॉलेज में जिला स्तरीय प्रोग्राम चल रहा है. जिसमें हमारी पुरानी पीढ़ी किस तरीके से एक जुट रहती थी इस इंटरनेट के युग ने माता पिता से बच्चों को अलग कर दिया. वहीं बच्चे फोन का गलत तरीके से यूज कर रहे है बच्चों को इस कंपटीशन के साथ साथ यह सब बाते सिखाई जाएगी.
इन्हीं कुछ टॉपिक को लेकर कंपटीशन रखा गया. जो राष्ट्रीय लेवल तक जाएगा. डॉक्टर अर्चना मोरे ने कहा कि आज महाविद्यालय में महाविद्यालय स्तरीय भारतीय जान परंपरा थी. इसमें अकादमी गति विधि चल रही है. यह जिला स्तर पर भी यह गतिविधि आगे जाएगी. आज भाषण प्रतियोगिता और पोस्टर प्रतियोगिता संपन्न की गई.
भूर रहे हैं बच्चे हमारी संस्कृति
भाषण प्रतियोगिता और पोस्टर प्रतियोगिता सभी प्रतियोगिता में जो विषय रखे गए है. वो भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित है. वास्तव में विषय रखने का मतलब यह है कि , हमारे छात्र जो नई जनरेशन है. वह पुरानी परंपरा को पूरी तरह भूल चुके हैं. हमारी संस्कृति को छोड़कर फॉरेन कल्चर को अपना रहे हैं. जैसे इंडियन कल्चर में अच्छे भोजन को भुलकर बर्गर पिज्जा खाना पसंद करते है. जो हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य यह है कि हमारी संस्कृति के बारे में युवाओं के ज्यादा से ज्यादा जानकारी देना है जिसे बच्चे हमारी संस्कृति को अपनाएं.
मोबाइल ने किया बच्चों को माता पिता से दूर
अभी यहां जिला स्तर पर हो रहा है. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर जाएगा मेरा टॉपिक था. हमारी पीढ़ी पहले किस तरीके से एक साथ रहती थी. परिवारों में एक साथ रहने के बाद इतनी खुशियां थी. अब मोबाइल ने बच्चों को माता पिता से दूर कर दिया है. इसी टॉपिक पर मैं बात रखी. यह मेरे शिक्षको को बहुत पसंद आई में मेरा सपना डिफेंस में जाने का है.मैं एनसीसी की स्टूडेंट भी हूं
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FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 19:28 IST