खंडवा में 100 टन डीएपी की जरूरत है. लेकिन, अभी तक 25 टन ही आया है. जिससे दुकानों पर डबल रेट पर खाद मिल रहा है. रबी के सीजन में खाद की किल्लत से लगातार किसान परेशान है. समिति के चक्कर लगाने को किसान मजबूर हो चुका है. लेकिन स्टॉक खत्म बताया जा रहा है.
जिन किसानों की बनी में विलंब हो रहा है. वह दुकान से महंगे दाम पर खाद खरीदने पर विवश है. एक बोरी पर 150 से 200 रुपए अधिक लिए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में इन दिनों रबी फसल की बोवनी का समय चल रहा है. जिसको लेकर किसानों के अनुसार खाद की किल्लत बनी हुई है. हालांकि प्रशासनिक अमला प्रदेश भर में भरपूर खाद का स्टॉक बता रहा है.
किसान हो रहे है पेराशान
इसके बावजूद कई जिलों से घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाद के न मिलने की खबरें सामने आ रही हैं. इसी बीच मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में खाद की किल्लत और इससे जुड़ी समस्याओं से निपटने को जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है. वैसे तो खंडवा जिले में खाद (उर्वरक) का वितरण मार्कफेड, सहकारी समितियों एवं निजी दुकानों के माध्यम से ही कराया जा रहा है.
एक बोरी पर लिया जा रहा है 200 रुपए पर अधीक
किसान संजय पटेल ने कहा कि न ही 12 , 32 16 मिल रही है और न ही डीएपी मिल रही है. रबी का सीजन है. इस स्थिति में जो खाद खेत में लग रही है. वह नहीं मिलेगी तो हमारा क्या होगा?. अरबी , गेहूं और चने की फसल में यह खाद डालना बेहद जरूरी है. मेरे पास 25 एकड़ है. मुझे 28 बोरी खाद अर्जेंट चाहिए. लेकिन, अभी नहीं मिल रहा में 5 बार आ चुका हुं. अब मेरे पास बाहर से लेने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है. किसान करे भी तो क्या करे जितना चाहिए उतना खाद भी नहीं मिल रहा है. इधर फसल खाद का इंतजार कर रही है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 17:04 IST