जांजगीर-चांपा: विकास की अंधी दौड़ में काटे जा रहे हसदेव जंगल को बचाने के लिए हसदेव बचाओ आंदोलन संघ के दारा बिलासपुर से पद यात्रा निकाली गई है, यह पद यात्रा जांजगीर जिला मुख्यालय पहुंच कर वहां के लोगों से मिलकर उन्हें जागरूक कर रही है.
जंगल बचाने के लिए शहर में पदयात्रा
हसदेव बचाओ आंदोलन संघ जंगल कटने से होने वाले भयावह नुकसान के बारे में लोगों को बता रहे हैं. लोगों से एकजुट होकर इसके खिलाफ अपील करने के लिए भी कहा जा रहा है. लोग हसदेव जंगल की कटाई का विरोध करने के लिए सामने आए और अपने आने वाले भविष्य को सुरक्षित पर्यावरण में जीवन यापन कर सके इसके लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. यह यात्रा बिलासपुर से निकलकर अकलतरा जांजगीर-चांपा पहुंची. यहां पर लोग हसदेव नदी जंगल बचाओ के नारे लगाते हुए शहर में पदयात्रा कर रहे हैं.
क्षेत्र होगा 100 साल पीछे
इस संबंध में पदयात्रा कर रहे प्रथमेश जी ने बताया कि यह पदयात्रा जांजगीर चांपा , कोरबा होते हुए हसदेव हरिहरपुर में समाप्त होगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की फर्जी अनुमति दिखाकर जंगल काटकर कोयला खदाने खोली जा रही हैं. हसदेव बागों से पूरी क्षेत्र सिंचित होती हैं. यदि कोयला खदानों के लिए यह जंगल काटे गए तो आने वाले 100 साल के लिए यह क्षेत्र फिर से अभावग्रस्त हो जाएगा. बांगोडेम के बंद होने से इस पूरे क्षेत्र में घोर अकाली छा जाएगी.
जारी रहेगी सरकार से लड़ाई
एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक जंगल कटने से बांगो डेम मर जाएगा, इस बांध के बंद होने से पूरे क्षेत्र में भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है. बांगो डेम के मरने से यहां की सिंचाई, यहां की खेती खत्म हो जाएगी, बांगो डेम से ही बिजली उत्पादन की जाती है वह भी बंद हो जाएगी. जंगल कटने से होनेवाले भयंकर नुकसान और किसानों और व्यापारियों को संगठित करने के लिए यह पद यात्रा निकाली गई है. अगर जंगल कटना बंद नहीं हुआ और सरकार अपनी मनमानी पर उतारू रही तो हसदेव बचाओ आंदोलन की लड़ाई हमेशा के लिए जारी रहेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 19:07 IST