खीरे की खेती कर मालामाल बना किसान, सिर्फ 40-45 दिनों में हो रही तगड़ी कमाई

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 संजय यादव/बाराबंकी: वैसे देश के किसान परंपरागत खेती की जगह नई फसल ट्राई कर रहे हैं. बहुत से किसानों ने नई खेती शुरू कर अपनी आमदनी बढ़ाने में सफलता भी हासिल की है. देश के कई इलाके के किसान नई नई फार्मिंग कर रहे हैं. जिनमें कई किसान परंपरागत फसल की जगह सब्जी और फल की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन तो मिल ही रहा है और अच्छी खासी कमाई भी हो रही है.

दरअसल खीरे की साल के 12 महीने बाज़ारों में डिमांड बनी रहती है. इससे किसानों को भाव भी अच्छा  मिलता है.अगर किसान खीरे की खेती वैज्ञानिक विधि से करें. तो इसकी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. वहीं वर्षा सिंचित क्षेत्र में बरसात के मौसम में भी इसका ज्यादा उत्पादन होता है. बाराबंकी जिले के तमरसेपुर गांव के रहने वाले किसान बृजमोहन खीरे की खेती कर एक फसल में करीब 80 से 90 हजार रुपए तक मुनाफा कमा रहे हैं.

खीरे की खेती करने वाले किसान बृजमोहन ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वैसे तो मैं धान-गेहूं आदि की खेती करता था. पर इधर दो सालों से खीरे की खेती कर रहा हूं. इस समय करीब मेरे पास दो बीघे में खीरा लगा हुआ है, जो निकल भी रहा है और अच्छे रेट में भी जा रहा है.  खरीफ के सीजन में इसकी खेती कम होती है, क्योंकि इसके पेड़ गलने का खतरा ज्यादा रहता है और पैदावार मे भी कमी आती है. इसलिए इसकी खेती हम मल्चिंग विधि से कर रहे हैं, जिसमें लागत करीब एक बीघे में करीब 10 से 12 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब 80 से 90 हजार रुपए तक हो जाता है.

खीरे की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. पूरे खेत में मेड बनाकर मल्च बिछा दी जाती है. फिर उसमें छेद करके खीरे के बीज की बुवाई की जाती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसको हम बॉस डोरी के सहारे पौधे को बांध देते हैं. जिससे खीरे की अच्छी पैदावार भी होती है और रोग लगने का खतरा भी कम रहता है और वहीं इसकी बुवाई करने के महज 40 से 45 दिनों में फसल तैयार हो जाती है, जो करीब एक महीने तक चलती है.

Tags: Hindi news, Local18

FIRST PUBLISHED :

September 22, 2024, 08:28 IST

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