जानकारी देते वैज्ञानिक
अमित कुमार/समस्तीपुर: समस्तीपुर और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है. यहां की चीनी मिलें किसानों को उनकी फसल के लिए अच्छा बाजार उपलब्ध कराती हैं. गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए अब एक तकनीकी यंत्र, रिफ्रैक्टोमीटर, फसल की गुणवत्ता और सही समय पर कटाई सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकता है.
गन्ने की गुणवत्ता मापने का नया तरीका
गन्ने की मिठास और गुणवत्ता मापने के लिए रिफ्रैक्टोमीटर एक महत्वपूर्ण उपकरण है. डॉ. बलवंत, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के ईख अनुसंधान केंद्र में कार्यरत हैं, बताते हैं कि यह यंत्र गन्ने के रस में सक्रोस (शर्करा) की मात्रा का सटीक आकलन करता है. इसका उपयोग करके किसान यह तय कर सकते हैं कि फसल को काटने का सही समय कब है.
कैसे काम करता है रिफ्रैक्टोमीटर
रिफ्रैक्टोमीटर का उपयोग बेहद आसान है.
1. गन्ने के रस की कुछ बूंदें यंत्र पर डालें.
2. इसे प्रकाश के स्रोत की दिशा में देखें.
3. यंत्र पर एक सीमा रेखा दिखाई देगी, जो गन्ने में शर्करा की मात्रा को दर्शाती है.
यह माप शर्करा स्तर (सक्छरोज) का सही आकलन करता है, जिससे किसान फसल की मिठास के आधार पर कटाई का निर्णय ले सकते हैं.
रिफ्रैक्टोमीटर के फायदे
– सटीकता: यह यंत्र गन्ने के रस में शर्करा की मात्रा का सटीक मापन करता है.
– उपज की गुणवत्ता: शर्करा स्तर जानने से किसान फसल की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं.
– बेहतर कीमत: अधिक मिठास वाली फसल के लिए बाजार में बेहतर मूल्य मिलता है.
– सरल उपयोग: यह यंत्र उपयोग में आसान है और कुछ ही मिनटों में परिणाम देता है.
वैज्ञानिकों का सुझाव
डॉ. बलवंत का कहना है कि रिफ्रैक्टोमीटर का सही उपयोग गन्ना उत्पादकों के लिए लाभदायक साबित होगा. यह उन्हें बेहतर उत्पादन, अधिक मिठास और सही समय पर फसल कटाई का निर्णय लेने में मदद करेगा.
किसानों के लिए संदेश
गन्ना उत्पादकों से अपील है कि वे इस आधुनिक यंत्र का उपयोग करें. यह न केवल उनकी फसल की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि चीनी मिलों में फसल बेचने पर उन्हें बेहतर कीमत भी दिलाएगा. रिफ्रैक्टोमीटर आधुनिक कृषि तकनीकों में एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 18:40 IST