गीली सीटें और दुर्व्यवहार के चलते लुफ्थांसा एयरलाइंस पर लगा ₹55,000 जुर्माना, बुजुर्ग दंपत्ति को हुई थी परेशानी

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रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी देर तक असुविधा के बाद, उन्हें वैकल्पिक सीटें दी गईं। Photo:PIXABAY रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी देर तक असुविधा के बाद, उन्हें वैकल्पिक सीटें दी गईं।

फ्रैंकफर्ट जाने वाली फ्लाइट में एक बुजुर्ग दंपत्ति को हुई परेशानी के लिए चेन्नई की एक अदालत ने लुफ्थांसा एयरलाइंस पर 55 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। 10 घंटे की इस फ्लाइट में बुजुर्ग दंपत्ति को गीली सीट की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार भी हुआ। देरी और गलत कनेक्शन के कारण उनकी यात्रा और भी खराब हो गई, एक निर्धारित फेरी छूट गई और ईंधन रिसाव के कारण फिर से देरी हुई। बुजुर्ग दंपत्ति ने इस परेशानी के लिए 3.50 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था लेकिन चेन्नई की एक अदालत ने 55,000 रुपये का मुआवजा दिया। असंतुष्ट होकर दंपत्ति ने अधिक मुआवजे की अपील की है।

विमान से उतारने की धमकी

खबर के मुताबिक, 69 साल की जोजू डोमिनिक और उनकी पत्नी जैस्मीन, 65 वर्षीय ने चेन्नई से वैंकूवर के लिए 3.5 लाख रुपये में फ्रैंकफर्ट के रास्ते राउंड-ट्रिप टिकट बुक किए थे। उनकी परेशानी 12 जून, 2023 को शुरू हुई, जब उनकी चेन्नई-फ्रैंकफर्ट फ्लाइट सफाई के लिए 90 मिनट देरी से चली। इस वजह से उन्हें एयरोब्रिज में इंतजार करना पड़ा। फ्लाइट में चढ़ने पर, उन्होंने पाया कि उनकी सीटें भीग गई थीं और ओवरहेड कम्पार्टमेंट से पानी टपक रहा था। जोजू का कहना है कि उन्हें कोई मदद नहीं मिली। शिकायत करने पर केबिन क्रू ने उन्हें विमान से उतारने की धमकी भी दी।

कनेक्टिंग फ्लाइट से चूकना पड़ा

रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी देर तक असुविधा के बाद, उन्हें वैकल्पिक सीटें दी गईं। फ्लाइट स्टाफ ने चेन्नई की जलवायु को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया और सुझाव दिया कि टपकते पानी से निपटने के लिए कंबल का उपयोग करें। फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर, देरी और सहायता न मिलने के कारण उन्हें वैंकूवर जाने वाली एयर कनाडा की कनेक्टिंग फ्लाइट से चूकना पड़ा। एयरलाइन कर्मचारियों से काफी बहस के बाद, बाद की फ्लाइट में उन्हें जगह मिल पाई, लेकिन देर होने के चलते कनाडा में अपनी निर्धारित फेरी नहीं ले पाए।

टिकट की लागत के बराबर मांगा मुआवजा

3 अक्टूबर, 2023 को फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर दंपत्ति को एक सेवा केंद्र में ले जाया गया, जहां जोजू ने आरोप लगाया कि उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। उन्हें आवास तक पहुंचने के लिए लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा क्योंकि उन्हें पहले से बुक की गई व्हीलचेयर सहायता से भी वंचित कर दिया गया था। जोजू ने देरी के दौरान अपर्याप्त भोजन प्रावधानों का आरोप लगाया और कहा कि उनके पास जरूरी दवाएं खत्म हो गई थीं। दंपत्ति ने अपने टिकट की लागत के बराबर 3.5 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। एयरलाइन को मानसिक पीड़ा और कानूनी लागतों के लिए 55,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया। आयोग ने कहा कि दंपत्ति को वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की गई थी।

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