गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग ने फूड फेस्ट का आयोजन किया था.
श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड में पारंपरिक तौर पर कई प्रकार के व्यंजन बनाएं जाते हैं, जो खाने में बेहद स्वादिष्ट होते हैं. इन्हीं पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास पौड़ी जिले में स्थित गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा किया जा रहा है. विभाग द्वारा गढ़वाल यूनिवर्सिटी के चौरास परिसर में फूड फेस्ट आयोजन किया गया, जहां विभाग के छात्रों द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए और प्रोफेसरों और छात्रों को परोसे गए. सभी पहाड़ के जायके की तारीफ करते नजर आए.
गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुभाष चंद्रा ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि इतिहास विभाग के छात्रों द्वारा स्टॉल के माध्यम से उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों को छात्रों और प्रोफेसरों को परोसा गया. उत्तराखंड के जितने भी पारंपरिक व्यंजन हैं, वे सब मिलेट्स से बनाए जाते हैं. छात्रों द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन झंगोरे की खीर, अरसा, रोटना और मंडुवे की रोटी तैयार की गई. इस फूड फेस्ट में केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों के छात्रों द्वारा वहां के पारंपरिक व्यंजन बनाए गए.
पारंपरिक व्यंजनों से मजबूत होगी आर्थिकी
डॉ सुभाष चंद्रा बताते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां पर्यटक काफी संख्या में आते हैं. अगर पर्यटकों को उत्तराखंड पर्यटन के साथ पारंपरिक व्यंजन भी परोसे जाए, तो इससे स्थानीय लोगों की आर्थिक भी मजबूत होगी.
उत्तराखंड के पकवानों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास
इतिहास विभाग की छात्रा मीनाक्षी राणा ने लोकल 18 से कहा कि उन्होंने झंगोरे का पाल्यौ, छोलिया रोटी, टमाटर की चटनी और चौलाई का हलवा बनाया था. उनके द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक खाने को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इतिहास विभाग की छात्रा वसीता थपलियाल ने कहा कि इस फूड फेस्ट के माध्यम से उत्तराखंड के पारंपरिक खाने को नई पहचान मिलेगी. वह उत्तरकाशी जिले की रहने वाली हैं और उनके द्वारा सवाले, भंगजीरे की चटनी और पहाड़ी लाल चावल की खीर बनाई गई, जोकि लोगों को बहुत पसंद आई.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 14:49 IST