मोतिहारी: शहर का चरखा पार्क लोगों की पसंदीदा जगह बन गई है. जहां न केवल घूमने-फिरने के लिए एक आकर्षक स्थल तैयार हुआ है, बल्कि यह स्थान महात्मा गांधी के जीवन और उनके दर्शन को भी जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है. मोहन से महात्मा बनने की उनकी यात्रा को दर्शाने वाला यह स्थल अब नई पीढ़ी को सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता जैसे मूल्यों से परिचित करा रहा है.
गांधी दर्शन और आधुनिक सुविधाओं का संगम
चरखा पार्क में बापू और कस्तूरबा गांधी की मूर्तियों के साथ महापुरुषों और नेताओं की गैलरी भी सजाई गई है. यहां आने वाले लोग गांधी जी के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकेंगे. इस परिसर में गांधी दर्शन प्रेरणा भवन, बापू कुटिर, कस्तूरबा कुटिर, म्यूजिकल फाउंटेन और लेजर लाइट शो प्रमुख आकर्षण हैं. इसके अलावा, स्वास्थ्य लाभ के लिए जिमखाना का भी निर्माण किया गया है.
शहर का पसंदीदा स्पॉट बन रहा चरखा पार्क
मोतिहारी के लोगों के लिए चरखा पार्क तेजी से एक फेवरेट स्पॉट बनता जा रहा है. न केवल शहर के लोग बल्कि ज़िले के अन्य हिस्सों से भी लोग यहां घूमने आ रहे हैं. खासकर शाम के समय यहां काफी चहल-पहल देखने को मिल रही है. यह पार्क एक ऐसी जगह बन गया है, जहां लोग न सिर्फ सुकून का अनुभव कर सकते हैं, बल्कि बापू के जीवन दर्शन से भी प्रेरणा ले सकते हैं.
सांसद निधि से हुआ था निर्माण
चरखा पार्क का निर्माण और आधुनिकीकरण सांसद निधि से हुआ है, जिसे मोतिहारी सांसद राधामोहन सिंह के मद से कराया गया है. सत्याग्रह आंदोलन की स्मृति में इस पार्क का निर्माण किया गया है, जिसमें चरखा और खादी को आत्मनिर्भरता और अहिंसा का प्रतीक बताया गया है.