छोटी सी जगह से निकली ये मिठाई कमाएगी बड़ा नाम, 1947 में बनी थी पहली बार

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जानकारी देते दुकान संचालक शम्मी देवड़ा 

बुरहानपुर: हर प्रदेश में अलग-अलग तरह की मिठाइयां बनती हैं जो अपने इलाके की खासियत समेटे होती हैं. कुछ मिठाइयों का स्वाद इतना लाजवाब होता है कि वे पूरे देश में प्रसिद्ध हो जाती हैं और अपने इलाके की पहचान बन जाती हैं. इसी क्रम में नया नाम जुड़ा है मध्य प्रदेश के बुरहानपुर का. यहां की दो मिठाइयों ने देश स्तर पर पहचान बनायी है. इनका चयन मिठाई नमकीन फेडरेशन में हुआ है, इन दोनों मिठाइयों ने सभी टेस्ट पास कर लिए हैं और अपनी विशेषता के कारण इन्हें लिस्ट में जगह मिली है.

कहां बनती है ये मिठाई?  
लोकल 18 की टीम से बात करते हुए कुंदन स्वीट के संचालक शम्मी देवड़ा ने बताया कि हमारे यहां सबसे पहले 1947 में हमारे परदादा स्वर्गीय मोजीलाल देवडा ने आजादी की खुशी में जलेबी बनाकर बांटी थी. तब से आज तक ये मिठाई बन रही है. वे आगे कहते हैं कि दराबा भी हमारे यहां की फेमस मिठाई है जोकि बुरहानपुर जिले में ही बनती है.

3 महीने खराब नहीं होती मिठाई
इस मिठाई की खासियत ये है कि ये 3 महीने तक खराब नहीं होती है. वे कहते हैं कि जब हमें फेडरेशन की जानकारी मिली तो हमने दोनों मिठाइयां वहां पहुंचायी. सभी मापदंडों की जांच की गई और प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इन दोनों मिठाइयों के कारण बुरहानपुर जिले का इस फेडरेशन में सेलेक्शन हुआ है. यहां पर सेलेक्शन होने से अब बुरहानपुर की इन दोनों मिठाइयों को विदेश में भी पहचान मिलेगी.

खास हैं ये दोनों मिठाइयां 
दुकान संचालक शम्मी देवड़ा ने बताया कि दराबा मिठाई 24 घंटे में बनती है और 3 महीने तक खराब नहीं होती. इसको बनाने में कड़ी मेहनत लगती है. इस मिठाई को हाथों से रगड़कर बनाया जाता है. इसका स्वाद भी उतना ही बेमिसाल होता है. इस मिठाई को देश में सबसे पहले बुरहानपुर जिले में बनाया गया था राजा महाराजा अपने मजदूरों को खाने के लिए यह मिठाई देते थे और उनसे अधिक काम करवाते थे. यह मिठाई खाने में भी हेल्दी होती है.

वहीं मावे की जलेबी भी सबसे पहले हमारे परदादा ने आजादी की खुशी में बनाकर बांटी थी. इन दोनों मिठाईयों के सैंपल फेडरेशन में जमा कराए गए. सभी मापदंड फेडरेशन ने जांचे जिसके बाद मध्य प्रदेश की इस छोटी सी दुकान का सेलेक्शन किया है. इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर इस दुकान का आना बहुत बड़ी बात है. अब बुरहानपुर जिले को देश के नक्शे पर भी जाना जाएगा.  बता दें कि यह अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन है, यह उन चीजों को अपनी डायरेक्टरी में शामिल करता है, जिनकी अपनी विशेषता होती है. इसलिए दराबा और जलेबी को यहां जगह मिली है.

Tags: Food 18, Local18, Madhya pradesh, Mp news, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 12, 2024, 17:36 IST

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