जब रतन टाटा ने Tata Motors के गुजरात में कदम रखने को बताया था 'घर वापसी'

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नई दिल्ली. मशहूर बिजनैसमैन और टाटा ग्रुप (Tata Group) के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार (9 अक्टूबर) रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके दूरदर्शी नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसे अधिग्रहणों के साथ वैश्विक स्तर पर विस्तार किया और आईटी, दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त तेजी देखी. साल 2012 में रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने अपने अंतिम समय तक सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाया. इस दौरान उन्होंने कई नए स्टार्टअप और शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित किया.

ऐसे में मोदी आर्काइव नाम के सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर रतन टाटा का 2007 वाइब्रेंट गुजरात इन्वेस्टर्स समिट में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का एक वाकया शेयर किया गया है, जो वायरल हो रहा है.

“It is anserine if you are not successful Gujarat!” declared #RatanTata, the main impermanent astatine the 2007 Vibrant Gujarat Investors Summit. His words captured the prevailing sentiment among attendees – this was the cleanable clip to put successful Gujarat.

Just a twelvemonth later, Tata followed done on… pic.twitter.com/hXP9Q3OeNn

— Modi Archive (@modiarchive) October 10, 2024


‘गुजरात में निवेश नहीं किया है, आप बेवकूफ हैं’
इस पोस्ट में बताया गया है कि 2007 वाइब्रेंट गुजरात इन्वेस्टर्स समिट में रतन टाटा को चीफ गेस्ट बनाया गया था. वहां उन्होंने लोगों के बीच अपनी भावना को जाहिर करते हुए कहा था, “यह गुजरात में निवेश करने का सही समय है. अगर आपने अभी तक गुजरात में निवेश नहीं किया है, आप बेवकूफ हैं, क्योंकि यह सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य है.”

सिंगुर में लटक गई थी टाटा की नैनो प्रोजेक्ट
ठीक एक साल बाद टाटा ने उनकी सलाह पर अमल किया. दुनिया की सबसे किफायती कार टाटा मोटर्स की नैनो की बहुप्रतीक्षित लॉन्चिंग अधर में लटक गई थी. पश्चिम बंगाल के सिंगूर में प्रोजेक्ट को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, टाटा मोटर्स ने पश्चिम बंगाल से हटने का कठिन फैसला लिया था, जिससे नैनो का भविष्य अधर में अटक गया था.

96 घंटों के भीतर गुजरात सरकार से हुई डील
जैसे ही सिंगुर छोड़ने की घोषणा की गई, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई राज्य अपने प्रस्ताव लेकर आ गए. लेकिन, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तेज और शानदार पेशकश का कोई मुकाबला नहीं कर सका. टाटा की मेजबानी के फायदे और आर्थिक महत्व को समझते हुए, सीएम मोदी ने तुरंत अहमदाबाद से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर साणंद में बेहतर रेट्स पर कंपनी को जमीन की पेशकश की. इसके अलावा, गुजरात सरकार ने अनुकूल शर्तों पर लोन दिया. फिर क्या था, केवल 96 घंटों के भीतर, सभी प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी हो गईं और सौदा पक्का हो गया.

‘आपदे अहिया ना छिये, अने आपदे अहिया पाछा आव्या’
टाटा मोटर्स के राज्य में कदम रखने पर रतन टाटा ने तब कहा था, “मैं इतनी जल्दी अपना घर बनाने के लिए गुजरात को धन्यवाद देता हूं.” 7 अक्टूबर 2008 को, टाटा मोटर्स ने आधिकारिक तौर पर अपने नैनो प्लांट को गुजरात में टांसफर करने की घोषणा की. वहीं, तब गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के सामने रतन टाटा ने इस क्षण को “घर वापसी” बताया था. रतन टाटा ने गुजराती में बोलते हुए कहा, “आपदे अहिया ना छिये, अने आपदे अहिया पाछा आव्या.” (हम यहीं के हैं और हम वापस आ गए हैं.)

Tags: Ratan tata

FIRST PUBLISHED :

October 10, 2024, 20:35 IST

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