डायलिसिस मशीन
राजनांदगांव: बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीनों की खराबी के कारण मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में पांच डायलिसिस मशीनें स्थापित हैं, जिनमें से दो मशीनें महीनों से खराब पड़ी हैं. वर्तमान में केवल तीन मशीनों के सहारे डायलिसिस की सेवाएं जारी हैं, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा. मजबूरन मरीज महंगे निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराने पर विवश हैं.
दूरदराज के मरीज लौट रहे निराश
जिला अस्पताल में जिले के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज इलाज कराने आते हैं. लेकिन डायलिसिस सेवा बाधित होने के कारण इन्हें निराश लौटना पड़ता है. दूरदराज से आए मरीजों को लंबे इंतजार के बाद भी सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मरीजों के परिजनों ने बताया कि खराब मशीनों के कारण इलाज के लिए अन्य अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से कष्टदायक है.
सिविल सर्जन ने दी सफाई
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. यूके चंद्रवंशी ने बताया कि अस्पताल में पांच डायलिसिस मशीनें हैं, जिनमें से दो तकनीकी खामियों के चलते बंद हैं. उन्होंने कहा, हमने इस समस्या को शासन स्तर पर अवगत करा दिया है. हमें निर्देश मिले हैं कि मशीनों की मरम्मत स्थानीय स्तर पर कराई जाए. हम मरम्मत के लिए आवश्यक फंड की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं.
महीनों से बंद पड़ी हैं मशीनें
डायलिसिस मशीनें लंबे समय से खराब हैं, लेकिन अब तक इनकी मरम्मत नहीं हो सकी है. अस्पताल प्रशासन की सुस्ती के चलते मरीजों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. डायलिसिस कराने पहुंचे मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है.
मरीजों को उम्मीद: जल्द मिलेगा समाधान
डायलिसिस सेवा बाधित होने से परेशान मरीजों और उनके परिजनों को अब प्रशासन से राहत की उम्मीद है. सिविल सर्जन के अनुसार, मशीनों की मरम्मत जल्द शुरू होगी. तब तक मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का सहारा लेना पड़ेगा. प्रशासन का कहना है कि सेवा की बहाली प्राथमिकता पर है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 17:41 IST