मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। इस चुनाव में बीजेपी नीत महायुति को बंपर जीत हासिल हुई है, वहीं महाविकास अघाड़ी की करारी हार हुई है। इस चुनाव में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला, उसी में से एक सीट माहिम भी है।
राज ठाकरे के बेटे पहली बार लड़े चुनाव
माहिम सीट से राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे MNS से मैदान में थे। ये उनके जीवन का पहला चुनाव था। ऐसे में सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई थीं। लेकिन माहिम की जनता ने अमित ठाकरे पर भरोसा नहीं जताया और अमित ये चुनाव हार गए। माहिम सीट पर शिवसेना(यूबीटी) के महेश बलिराम सावंत को जीत हासिल हुई है।
महेश बलिराम सावंत को कुल 50,213 वोट मिले। दूसरे नंबर पर शिवसेना के सदा सरवणकर रहे। उन्हें कुल 48,897 वोट मिले। तीसरे नंबर पर एमएनएस के अमित ठाकरे रहे। उन्हें महज 33,062 वोट मिले।
सदा सरवणकर को झटका
इस सीट पर सबसे बड़ा झटका तो सदा सरवणकर को है क्योंकि वह इस सीट से 2014 और 2019 में अविभाजित शिवसेना के टिकट पर जीत हासिल कर चुके थे। यह उनके लिए हैट्रिक का मौका था लेकिन वह चुनाव हार गए। शिवसेना में जब विभाजन हुआ तो सरवणकर ने एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। शिंदे ने उनपर इस चुनाव में भी भरोसा जताया लेकिन वह चुनाव हार गए।
यहां एक बार गौर करने वाली है कि एकनाथ शिंदे ने माहिम से अपना प्रत्याशी जरूर उतारा था लेकिन बीजेपी ने अमित ठाकरे को समर्थन देने का वादा किया था। यानी बीजेपी का सपोर्ट अमित ठाकरे के साथ था। फिर भी वह चुनाव नहीं जीत सके।
क्या है माहिम का चुनावी इतिहास
माहिम विधानसभा सीट पर किसी एक नेता का वर्चस्व नहीं रहा है। 1962 से लेकर अब तक कई बड़े नेताओं ने यहां से चुनाव जीता है। 1990 के दशक में इस सीट पर शिवेसना का दबदबा था। सुरेश गंभीर ने 1990,1995 और 1999 में यहां से लगातार जीत हासिल की थी। 2004 में भी गंभीर ही जीते।
लेकिन 2009 में इस सीट से शिवसेना को झटका लगा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के उम्मीदवार नितिन सरदेसाई चुनाव जीत गए। 2014 में शिवसेना ने फिर वापसी की और सदा सरवणकर जीत गए। 2019 के चुनाव में सदा सरवणकर फिर जीत गए।