ज्यादा देर तक बैठना ही नहीं, खड़ा होना भी खतरनाक ! वैज्ञानिकों ने किया दावा

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Side Effects of Standing Too Long: माना जाता है कि सेहत के लिए लंबे समय तक बैठे रहने से ज्यादा फायदेमंद खड़े रहना होता है. अधिकतर लोग इस बात को सही मानते हैं और यही वजह है कि कई ऑफिसेस में स्टैंडिंग कल्चर फॉलो किया जा रहा है. हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इसे लेकर बेहद चौंकाने वाली बात कही है. यह बात सुनकर स्टैंडिंग वर्क कल्चर वाले लोगों के होश उड़ जाएंगे. जी हां, नई स्टडी में पता चला है कि बैठने की तुलना में ज्यादा समय तक खड़े रहना शरीर के लिए खतरनाक बहो सकता है और इससे ब्लड फ्लो से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

श‍िन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हालिया रिसर्च में कहा है कि रोजाना कई घंटों तक खड़े रहना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. ऐसा करने से खून से जुड़ी समस्याएं जैसे- वेरीकोज वेंस और डीप वेन थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ सकता है. रिसर्च में यह भी कहा गया है कि रोज 10 घंटे से ज्यादा देर तक बैठने से भी हार्ट और ब्लड फ्लो की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बैठने और खड़े रहने दोनों ही पोजीशन का बैलैंस बनाए रखना जरूरी है. हेल्दी रहने के लिए सिर्फ बैठने से बचना ही काफी नहीं है, बल्कि फिजिकल एक्टिविटी करना महत्वपूर्ण है.

शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में 83,013 वयस्कों द्वारा पहनी गई डिवाइस के डेटा का एनालिसिस किया और पाया कि बैठने की तुलना में खड़े रहने से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है. स्टडी के लीड ऑथर मैथ्यू अहमदी का कहना है कि बहुत देर तक खड़े रहने से लाइफस्टाइल में कोई सुधार नहीं होगा और यह कुछ लोगों के लिए ब्लड फ्लो के मामले में जोखिम भरा हो सकता है. स्टडी में पता चला है कि ज्यादा समय तक खड़े रहने से लंबे समय में हार्ट हेल्थ में भी सुधार नहीं होता है. शोधकर्ताओं ने सिफारिश की है कि जो लोग नियमित रूप से लंबे समय तक बैठे या खड़े रहते हैं, वे बीच-बीच में कुछ मिनट वॉक जरूर करें.

एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि जो लोग लंबे समय तक बैठते या खड़े रहते हैं, उन्हें अपने नियमित रूप से वॉकिंग भी करनी चाहिए. वॉक करने से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर हो जाएगा और हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है. वॉकिंग एक सरल और प्रभावी तरीका है, जिससे कोई भी अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है. इससे पहले एक स्टडी में पता चला था कि प्रतिदिन 6 मिनट का इंटेंस वर्कआउट या 30 मिनट का मॉडरेट वर्कआउट करने से हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है. इससे पता चलता है कि फिजिकल एक्टिविटी किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम को कम करने में सहायक हो सकती है.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news

FIRST PUBLISHED :

October 18, 2024, 11:53 IST

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