Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 23, 2025, 21:49 IST
Ghazipur News successful Hindi Today: कई बार छोटी उम्र के बच्चों में ऐसा टैलेंट देखने को मिलता है जिसे बड़ी उम्र के लोग तमाम प्रयास के बाद भी नहीं कर पाते हैं.
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"अनूप जलोटा के शिष्य से फोन पर रियाज, मां की विरासत ने दी नई पहचान!"
गाजीपुर: जिले के पुष्कर उपाध्याय और शांभवी उपाध्याय ने बचपन में ही सिंगिंग में कदम रख दिया. ये बच्चे ढाई साल की उम्र में ही रफी साहब के गाने गुनगुनाने लगे थे. उनकी मां, जो खुद एक लोक गायिका थीं उन्होंने बच्चों को सिंगिंग की नींव दी. दोनों भाई बहन कहते हैं, “गला तो हमारा, हमारी माताजी से मिला है.” शांभवी कक्षा 8 में और पुष्कर कक्षा 12 में पढ़ते हुए अपनी सिंगिंग के लिए भी मशहूर हैं.
फोन कॉल पर 15 मिनट सीखते हैं रियाज, मंचों पर पाई पहचान
पुष्कर ने इंडियन आइडल और सारेगामा लिटिल चैंप्स जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर हिस्सा लिया. वहीं, शांभवी सिंगिंग सुपरस्टार 3 में 5वें राउंड तक पहुंचीं. उनके गुरु, अनूप जलोटा के शिष्य ओंकार शंखधर जी उन्हें फोन पर 15-20 मिनट रियाज सिखाते हैं. इसके अलावा, गाजीपुर में भी वे संगीत की शिक्षा लेते हैं.
आध्यात्मिक शांति और निरंतर मेहनत का जज्बा
पुष्कर का कहना है, “गाना गाने से आत्मा को सुकून मिलता है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए मेहनत और रियाज जरूरी है.” वहीं, शांभवी को लोक और सेमी-क्लासिकल गानों में खास रुचि है. दोनों को रितेश पांडे और राजन महाराज जैसे कलाकारों का आशीर्वाद भी मिला है. वे मानते हैं कि सिंगिंग एक सफर है, जहां मेहनत और सीखना कभी खत्म नहीं होता.
Location :
Ghazipur,Uttar Pradesh
First Published :
January 23, 2025, 21:49 IST
ढाई साल की उम्र में गाजीपुर के भाई-बहन ने शुरू किया गाना, इनसे सीखते हैं संगीत