"तुम जियो या मरो, मुझे फर्क नहीं पड़ता", कहकर पिता ने बेटे की दीवार पर पटककर ले ली जान

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प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक फोटो

कहते हैं मां-बाप के लिए अपनी औलाद हर चीज से बढ़कर होती है। वे उसके लिए कुछ भी करते हैं, बड़े से बड़े तूफान से भी वे तुरंत टकरा जाते है। लेकिन एक कलयुगी बाप ने गुस्से में अपने 14 साल के कलेजे के टुकड़े की हत्या कर इन सब बातों को महज 'बात' साबित कर दिया। मामला बेंगलुरू से सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने 14 साल के बेटे की पीट-पीटकर जान ले ली है।

इस कारण ली अपने बेटे की जान

पुलिस के मुताबिक, व्यक्ति ने अपने 14 वर्षीय बेटे की क्रिकेट बैट से पिटाई कर और उसका सिर दीवार पर पटक कर हत्या कर दी। घटना के पीछे उसकी मोबाइल की लत और पढ़ाई में रुचि न होने को लेकर हुआ विवाद था। इस घटना से पूरे शहर में सनसनी फैल गई। रवि कुमार ने न केवल अपने बेटे को मारने से पहले उसे प्रताड़ित किया, बल्कि हत्या को छिपाने की भी कोशिश की।

परिवार करने जा रहा था अंतिम संस्कार

यह मामला तब समाने में आया जब पुलिस को कुमारस्वामी लेआउट इलाके में एक स्कूली छात्र की संदिग्ध मौत की खबर मिली। इसके बाद पुलिस उसके घर पहुंचे तो वहां का नजारा देख वह भी चौंक गए। छात्र की अर्थी तैयार थी और उसका परिवार उसके अंतिम संस्कार की तैयारी में व्यस्त था। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

'तुम जियो या मरो, फर्क नहीं पड़ता'

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के सिर पर गंभीर अंदरूनी चोटें थीं और शरीर पर कई घाव थे, जिससे पता चलता है कि मरने से पहले उसके साथ क्रूरता से मारपीट की गई थी। पुलिस जांच में पता चला कि रवि कुमार पेशे से बढ़ई है और उसका बेटा कक्षा 9 में पढ़ता था, बेटे का मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था, जिस कारण वह अपने बेटे से काफी नाराज था। घटना वाले दिन, मोबाइल फोन बनवाने को लेकर हुई मामूली बहस ने रवि कुमार को इतना गुस्सा दिला दिया कि उसने क्रिकेट बैट लिया और उससे अपने बेटे तेजस की पिटाई शुरू कर दी। इतने पर भी रवि का गुस्सा शांत नहीं हुआ, उसने तेजस को दीवार पर पटक दिया और कहा, "तुम जियो या मरो, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता"।

सुबह से दोपहर 2 बजे तक तड़पता रहा तेजस

तेजस जमीन पर गिर गया और दर्द से तड़पता रहा। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक उसकी हालत बिगड़ती रही, लेकिन उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। जांच के मुताबिक, सांस रुकने के बाद ही उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

हत्या छिपा रहा था व्यक्ति

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) लोकेश बी ने कहा, "बच्चे और उसके माता-पिता के बीच अक्सर तीखी बहस होती थी। वे उसकी पढ़ाई और मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से खुश नहीं थे। उनका दावा था कि वह बुरी संगत में भी रहता था और इसी वजह से लड़के की हत्या हुई।" पुलिस ने बताया कि शख्स ने शव से खून के धब्बे साफ करके हत्या को छिपाने की कोशिश की और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। साथ ही उसने बैट को भी छिपा दिया।

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