चारमीनार हैदराबाद
हैदराबाद: तेलांगना सरकार के द्वारा जातिगत जनगणना शुरू हो चुकी है. इससे पहले बिहार, राजस्थान और कर्नाटक भी जाति के आधार पर जनगणना करा चुके हैं. कहा जा रहा है कि इस जातिगत जनगणना का उद्देश्य तेलंगाना की पूरी आबादी की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत स्थिति का आंकलन करना है. इसके हिसाब से सरकार आबादी के अनुसार हिस्सेदारी देगी.
जाति जनगणना क्यों कराई जा रही है?
संतोष कुमार रुद्र ने न्यूज18 हिंदी लोकल से बात करते हुए कहा कि जाति जनगणना कराने का उद्देश्य तेलंगाना की पूरी आबादी की हर तरह की स्थिति का आंकलन करना है. इसके आधार पर तेलंगाना सरकार आबादी के आकार के हिसाब से हिस्सेदारी देगी. इसके अलावा राज्य की पूरी आबादी की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और जातिगत स्थिति के आधार पर योजनाएं बनाई जाएंगी और इसके साथ ही सरकार अति पिछड़े समाज के लोगों के लिए 42 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव लाएगी.
कैसे हो रही है जनगणना
तेलंगाना जाति जनगणना एक व्यापक डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के रूप में आयोजित की जा रही है. इसमें राज्य के सभी 33 जिले शामिल हैं. इस महत्वपूर्ण अभ्यास का उद्देश्य असमानताओं को दूर करने और समावेशी नीतियों को आकार देने के लिए विस्तृत जाति-आधारित डेटा एकत्र करना है. सर्वेक्षण प्रश्नावली में परिवार की जनसांख्यिकी, आय, व्यवसाय, शिक्षा के स्तर, कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच, भूमि स्वामित्व और राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर जानकारी प्राप्त करने के लिए 56 प्रश्न पूछे जा रहे हैं.
सटीक डेटा संग्रह सुनिश्चित करने के लिए गणनाकर्ता प्रत्येक घर का दौरा कर रहे हैं, जबकि क्षेत्र-स्तरीय अधिकारी पारदर्शिता और दक्षता बनाए रखने के लिए प्रक्रिया की निगरानी कर रहे है. इस पहल ने व्यापक सार्वजनिक भागीदारी प्राप्त की है, जिसमें कार्यकर्ता नागरिकों द्वारा उठाए गए किसी भी प्रश्न या चिंता का सक्रिय रूप से समाधान कर रहे हैं.
इन्हें ऐसे किया जाएगा शामिल
तेलंगाना, खासतौर पर हैदराबाद में ज़्यादातर लोग विदेश में रहते हैं. ऐसे लोगों पर जनगणना में आकर हिस्सा लेने का कोई दबाव नहीं है. अगर उनके परिवार का कोई सदस्य यहां मौजूद है, तो उसकी मदद से वे जाति जनगणना में हिस्सा ले सकते हैं. अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका कोई नहीं है, तो सरकार ऐसे परिवारों के लिए उपाय खोज रही है कि कैसे ऐसे परिवारों को जनगणना में शामिल किया जाए.
लोगों को है ये गलतफहमी
लोगों को ये गलतफहमी है कि जनगणना के आधार पर कई योजनाओं का लाभ उनसे छीन लिया जाएगा जोकि बिल्कुल गलत है. इस जनगणना की गोपनीयता की राज्य सरकार की पूरी जिम्मेदारी है. इस जनगणना के आधार पर किसी भी व्यक्ति की योजनाओं को नहीं छीना जाएगा, बल्कि यह जनगणना इसलिए कराई जा रही है ताकि जनता के लिए और अधिक कल्याणकारी योजनाएं लाई जा सकें. इसलिए जनता से अपील की जाती है कि वे इस जनगणना में भाग लें और गणना करने वाले को सही जानकारी दें.
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FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 10:37 IST