दादा-परदादा से मिली संपत्ति से कमाया है मुनाफा तो कितना लगेगा टैक्स?

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Last Updated:February 08, 2025, 21:08 IST

विरासत में मिली संपत्ति बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स पिछले मालिक की खरीद कीमत पर आधारित होगा. 2001 से पहले खरीदी संपत्ति के लिए 2001 की फेयर मार्केट वैल्यू का विकल्प है. 2024 के बाद इंडेक्सेशन नियम बदलेंगे. टैक्स ...और पढ़ें

दादा-परदादा से मिली संपत्ति से कमाया है मुनाफा तो कितना लगेगा टैक्स?

क्या हैं पुश्तैनी संपत्ति से हुई कमाई पर टैक्स के नियम.

हाइलाइट्स

  • विरासत में मिली संपत्ति पर कैपिटल गेन टैक्स पिछले मालिक की कीमत पर लगेगा।
  • 2001 से पहले खरीदी संपत्ति के लिए 2001 की फेयर मार्केट वैल्यू का विकल्प है।
  • 2024 के बाद इंडेक्सेशन नियम बदलेंगे, टैक्स विकल्पों में बदलाव होगा।

नई दिल्ली. अगर आप विरासत में मिली संपत्ति बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि इस पर कैपिटल गेन टैक्स कैसे लगेगा. हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां तीन बहनों को 2003 में एक जमीन विरासत में मिली थी, लेकिन इसका बंटवारा 2010 में हुआ. अब जब इनमें से एक बहन अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती हैं, तो सवाल उठता है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) की गणना के लिए लागत का आधार 2003 लिया जाए या 2010?

इनकम टैक्स कानून के तहत, विरासत में मिली संपत्ति का अधिग्रहण मूल्य वह माना जाता है, जो पिछला मालिक इसे खरीदने में खर्च कर चुका था. यानी भले ही जमीन 2003 में बहनों को मिली हो, लेकिन टैक्स की गणना उस मूल कीमत के आधार पर होगी, जिस पर उनके पूर्वजों ने इसे खरीदा था. हालांकि, अगर यह संपत्ति 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदी गई थी, तो करदाता के पास 1 अप्रैल 2001 की फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) को अधिग्रहण लागत के रूप में चुनने का विकल्प होता है. यह वैल्यू स्टांप ड्यूटी मूल्य (सर्कल रेट) से अधिक नहीं हो सकती.

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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के लिए होल्डिंग पीरियड
विरासत में मिली संपत्ति के लिए होल्डिंग पीरियड की गणना पिछले मालिकों के स्वामित्व की अवधि को जोड़कर की जाती है. चूंकि यह जमीन 2003 से पहले खरीदी गई थी, इसका होल्डिंग पीरियड 24 महीनों से अधिक हो जाता है, जिससे यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आ जाएगी.

बजट 2024 के बाद इंडेक्सेशन और टैक्स की नई व्यवस्था
बजट 2024 में इंडेक्सेशन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. 23 जुलाई 2024 से इंडेक्सेशन का लाभ खत्म कर दिया गया है, सिवाय उन मामलों के जहां भूमि या भवन 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदा गया हो और इसे 23 जुलाई 2024 के बाद बेचा जा रहा हो.

ऐसे मामलों में करदाता के पास दो विकल्प होंगे:
अनइंडेक्स्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स चुकाना
इंडेक्स्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20% टैक्स चुकाना

यानी, अगर बहन अपनी जमीन बेचती हैं, तो उन्हें यह आकलन करना होगा कि कौन सा विकल्प उनके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा.

कैपिटल गेन टैक्स से बचने के विकल्प
अगर करदाता टैक्स से बचना चाहते हैं, तो वे धारा 54 और धारा 54EC के तहत छूट का लाभ उठा सकते हैं:

धारा 54: यदि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की पूरी राशि को नए आवासीय संपत्ति में निवेश किया जाता है, तो टैक्स से छूट मिल सकती है.
धारा 54EC: अगर LTCG को कैपिटल गेन बॉन्ड (जैसे REC, NHAI बॉन्ड) में निवेश किया जाता है, तो भी कर छूट का लाभ मिल सकता है.
ध्यान दें कि इन छूटों का लाभ अनइंडेक्स्ड लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर ही लिया जा सकता है, इंडेक्स्ड वैल्यू पर नहीं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 08, 2025, 21:08 IST

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