नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की है। पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को करारा झटका देते हुए करीब 27 साल के बाद सत्ता में वापसी की। वहीं, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन जैसी पार्टियां एक प्रतिशत वोट भी हासिल करने में नाकाम रहीं। हालांकि किसी जमाने में दिल्ली में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने वाली पार्टी बीएसपी इन चुनावों में AIMIM और JDU जैसी सीटों से भी कम वोट ला पाई।
AIMIM ने दर्ज कराई अपनी मजबूत मौजूदगी
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, AIMIM को कुल पड़े वोटों में 0.78 फीसदी, बसपा को 0.58 फीसदी, CPI को 0.2 फीसदी और एक सीट पर लड़ने वाली JDU को 0.86 फीसदी वोट मिले। कुल 0.56 प्रतिशत मतदाताओं ने 'NOTA' का विकल्प चुना। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में केवल 2 सीटों, ओखला और मुस्तफाबाद, पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब रही। दोनों ही सीटों पर उसके उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी और वर्तमान में जेल में बंद शिफा उर रहमान खान और ताहिर हुसैन ने ‘AAP’ के वोट प्रतिशत को कम किया और कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में शून्य पर सिमटी
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर दिल्ली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में नाकाम रही। पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह कुल पड़े वोट का एक प्रतिशत भी हासिल नहीं कर सकी। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि आम आदमी पार्टी के खाते में 22 सीटें आई हैं। कांग्रेस का हाल इन चुनावों में भी बेहाल रहा और पार्टी दिल्ली में लगातार तीसरे विधानसभा चुनावों में अपना खाता तक नहीं खोल पाई। पार्टी का हाल इतना बुरा रहा कि 70 में से 67 सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। (भाषा)