लखीसराय. दिल्ली मेट्रो में जिस तरह अलग रूट में जाने के लिए अलग रंग की लाइन है, वैसे ही अब बिहार के लखीसराय जिले में अलग रूट में जाने के लिए लोगों को अलग रंग के ई-रिक्शा से यात्रा करनी होगी. लखीसराय जिले में यातायात का नया और दिलचस्प तरीका सामने आया है. इन ई-रिक्शा के लिए विशेष रूट बनाए गए हैं, और प्रत्येक रूट पर चलने वाले रिक्शा को एक खास रंग दिया गया है. इससे न केवल सवारी करने वालों के लिए सुविधा बढ़ेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि यातायात सुव्यवस्थित रहे.
यातायात पर दबाव कम करने को लेकर हुई पहल
डीटीओ मुकुल पंकज मणि ने बताया कि जिले में बढ़ती सड़कों पर यातायात के बोझ को कम करने और यातायात की व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए जिला प्रशासन ने इस अनोखे प्रयोग की शुरुआत की है. पहले कई रिक्शा बिना किसी तय रूट पर चलती थीं, जिससे जाम की समस्या और अव्यवस्था उत्पन्न हो रही थी. अब हर रूट पर एक खास रंग की ई-रिक्शा चलने से न केवल यातायात नियंत्रण में रहेगा, बल्कि यात्रियों को भी सही रूट और वाहन पहचानने में आसानी होगी. इस योजना के तहत, डीटीओ मुकुल पंकज मणि की देखरेख में ई-रिक्शा चालकों के वाहनों को रंगा जा रहा है. प्रत्येक रूट के लिए एक विशेष रंग निर्धारित किया गया है ताकि यात्रियों को बिना किसी कठिनाई के अपनी सवारी पहचानने और उसी के अनुसार यात्रा करने में आसानी हो.
यहां जानिए, किस रूट के लिए होगा कौन सा रंग
इस नई योजना के तहत जिले के मुख्य रूटों पर विभिन्न रंगों की ई-रिक्शा चलेंगी. आइए जानते हैं किस रूट पर किस रंग की ई-रिक्शा चलेगी:
1. लाल रंग: रेलवे स्टेशन से बाइपास बस स्टैंड तक चलने वाली ई-रिक्शा को लाल रंग से रंगा गया है. यह रूट जिले के प्रमुख यात्री आवागमन का केंद्र है और इस पर ज्यादातर लोग रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड तक आते-जाते हैं. लाल रंग की ई-रिक्शा इस रूट पर आपकी सही सवारी होगी.
2. नारंगी रंग: नारंगी रंग की ई-रिक्शा रेलवे स्टेशन से विद्यापीठ चौक तक चलेगी. यह रूट शिक्षा और व्यापारिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां छात्रों और व्यापारियों की बड़ी संख्या यात्रा करती है.
3. गुलाबी रंग: विद्यापीठ चौक से अशोक धाम तक चलने वाली ई-रिक्शा को गुलाबी रंग से रंगा गया है. इस रूट पर ज्यादातर श्रद्धालु अशोक धाम मंदिर की यात्रा करते हैं और गुलाबी रंग की सवारी उन्हें आसानी से पहचानने में मदद करेगी.
4. हरा रंग: जमुई मोड़ से रामगढ़ चौक तक चलने वाली ई-रिक्शा हरे रंग में होंगी. इस रूट पर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों की आवाजाही अधिक होती है और हरे रंग की रिक्शा उनके लिए एक परिचित दृश्य होगा.
5. नीला रंग: नीला रंग की ई-रिक्शा जमुई मोड़ से तेतरहाट तक चलेंगी. यह रूट शहर और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ता है, और नीले रंग की रिक्शा इन दोनों स्थानों के बीच यातायात का मुख्य साधन होगी.
6. बैंगनी रंग: बैंगनी रंग की ई-रिक्शा विद्यापीठ चौक से किऊल तक चलेंगी. इस रूट पर व्यापारिक और शैक्षणिक संस्थानों की भरमार है, और बैंगनी रंग की ई-रिक्शा आपको सही समय पर सही जगह तक पहुंचाने का काम करेगी.
नए प्रयोग की लेकर प्रशासन ने कर ली है तैयारी
ई-रिक्शा चालकों के लिए यह बदलाव एक नई चुनौती के रूप में सामने आया है. हालांकि प्रशासन ने इसे सुव्यवस्थित तरीके से लागू करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए हैं. डीटीओ मुकुल पंकज मणि की देखरेख में रंग निर्धारण और चालकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया है. इस दौरान चालकों को यह भी समझाया गया कि कैसे इस योजना से उनकी आमदनी और यातायात व्यवस्था में सुधार होगा.
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FIRST PUBLISHED :
October 9, 2024, 20:25 IST