दिवाली से पहले दिल्ली की एयर हवा में आई मामूली सुधार, मगर खतरा अभी भी बरकरार: स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश

5 hours ago 1

नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को परेशानी हो रही है. अब सुबह से ही नोएडा- ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में धुंध की चादर देखने को मिलने लगी है. प्रशासन चाहे लाख बड़े-बड़े दावे और वादे करे, लेकिन हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है. जब तेज हवा चलती है, तभी हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है. एक्यूआई काफी कम हो जाता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रशासन के दावे और वादे खोखले साबित होते हैं. क्योंकि एक्यूआई लाल निशान के पार ही रहता है.

  1. राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मामूली सुधार के बाद शुक्रवार को ‘खराब' श्रेणी में पहुंच गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया और तड़के ‘स्मॉग' (प्रदूषण के कारण धुंध) की परत छाई रही.
  2. दिल्ली के मुंडका, पंजाबी बाग, रोहिणी, बवाना, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, बुराड़ी, सोनिया विहार और मंदिर मार्ग जैसे इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब' श्रेणी में रही.
  3. शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 और 200 के बीच ‘मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब', 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब' तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
  4. इस बीच, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री अधिक है.
  5. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राजधानी में सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 76 प्रतिशत दर्ज किया गया.
  6. मौसम विभाग ने दिल्ली में दिन में आसमान साफ ​​रहने तथा अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है.

प्रदूषण विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है. अधिकारियों ने चिंता जताई है कि एक्यूआई 400 के पार पहुंचाने की उम्मीद है. उनका कहना है कि महज एक हफ्ते पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की आबोहवा काफी बेहतर थी. ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई येलो और नोएडा का एक्यूआई ग्रीन जोन में था. लेकिन बीते कुछ दिनों में दोनों शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है. ग्रेप लागू होने के बावजूद भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ते एक्यूआई के आंकड़े पर लगाम नहीं लगाई जा पा रही है.

लोगों की परेशानी बढ़ी

नोएडा में सुबह से दोपहर तक धुंध छाई रहती है. ऐसे में सांस लेने की दिक्कत के चलते 1 से 3 साल तक की उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में पहुंच रहे हैं. चाइल्ड पीजीआई के डॉक्टरों के मुताब‍िक बीते एक हफ्ते में ही सांस संबंधी बीमारी से परेशान होकर अस्पताल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी स्थिति और भी बदतर होने वाली है. ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को काफी ज्यादा एहतियात बरतना होगा. उन्हें बेवजह घर से भी बाहर निकलने से परहेज करना होगा.

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. सड़कों पर धूल उड़ रही है. जगह-जगह कूड़ा भी जलाया जा रहा है. लेकिन जिम्मेदार लोग रोकथाम के उपाय नहीं कर रहे हैं.

उधर, नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण से बचाव के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट साइट पर कई एंटी स्मॉग गन लगाया है. प्राधिकरण के मुताबिक वॉटर स्प्रिंकलर मशीनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा रोजाना औसतन 20 किलो धूल सड़क से हटाई जा रही है. वही 12 मैकेनिक स्विपिंग मशीनों से रोजाना 340 किलोमीटर सड़कों की सफाई हो रही है.

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article