उदयपुर . लोकल 18 की योद्धा सीरीज में एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो बचपन से ही दिव्यांगता का दंश झेलते हुए भी आज समाज के लिए प्रेरणा की मिसाल बन चुकी है. उदयपुर की रहने वाली परवीन बानो को उनके जीवन की कठिनाइयां कभी भी रोक नहीं पाई बल्कि उन्होंने अपनी परिस्थितियों को अपनी ताकत बनाकर समाज सेवा की राह चुनी.
कई महिलाओं को दिला चुकी है कानूनी मदद
परवीन ने अब तक कई महिलाओं को कानूनी मदद पहुंचाई है और उन्हें न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. उनकी यह पहल खासतौर पर उन महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनी है जो घरेलू हिंसा, उत्पीड़न या अन्य कानूनी समस्याओं से जूझ रही हैं.परवीन का कहना है, “कानूनी जानकारी का अभाव महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर देता है. मैं चाहती हूं कि हर महिला आत्मनिर्भर होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बने.
आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
महिलाओं को केवल कानूनी सहायता प्रदान करना ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना भी परवीन का लक्ष्य है. उन्होंने कई प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया है, जहां महिलाओं को स्वरोजगार के लिए जरूरी कौशल सिखाए जाते हैं. उनके प्रयासों से कई महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं.
बदलाव के लिए जरूरी है इच्छाशक्ति
परवीन एक सिंगल मदर भी हैं और अपनी बेटी को सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवा रही हैं. अपनी आर्थिक स्थिति और शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनकी बेटी भी अपनी मां से प्रेरित होकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सपना देखती है. परवीन बानो का जीवन हमें सिखाता है कि चुनौतियां चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हों, अगर जज्बा और सकारात्मक सोच हो, तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता है. वह अपने कार्यों और संघर्षों से यह संदेश देती हैं कि समाज में बदलाव लाने के लिए केवल इच्छा शक्ति की जरूरत होती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 19:28 IST