आदित्य आनंद/गोड्डा. गोड्डा में दुर्गा पूजा में हर एक मंदिर के आसपास एक विशेष प्रकार की मिठाई बनाई जाती है. इसी मिठाई का भोग मां भगवती को पूरे नवरात्रि चढ़ाया जाता है. गोड्डा में इस मिठाई को बताशा के नाम से जाना जाता है. यह मिठाई मां भगवती के प्रसाद के लिए जितना महावपूर्ण है. भक्तों के लिए उतना ही सस्ता होता है. मंदिर में मां भगवती को बताशा के साथ पूरे नवरात्रि बेलपत्र और अड़हुल का फूल चढ़ाया जाता है. जिससे पूजा सफल होती है.
मंदिर के पुरोहित पंडित कोशलेश झा ने बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा को नावेद में सफेद मिठाई का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा होती है. सफेद मिठाई में बताशा मिठाई काफी सस्ता और शुद्ध होता है. इसलिए लोग बताशा मिठाई माता को प्रसाद के रूप में बेलपत्र और अड़हुल फूल के साथ चढ़ते हैं. इस मिठाई में चीनी के अलावा मैदा होता है. कोई भी अन्य चीज मैक्स नहीं होती है. जिससे या मिठाई काफी शुद्ध होता है. और इसे हर तबके के लोग खरीदने में सक्षम होते हैं. इसलिए इस इलाके में इस मिठाई की डिमांड दुर्गा पूजा में अधिक होती है.
कैसे बनता है यह मिठाई
गोड्डा के मिठाई बनाने वाले कारीगर रघु ने बताया कि इस मिठाई को बनाने के लिए पहले चीनी का चासनी बनाया जाता है. चासनी से चीनी के गंदगी को साफ करने के लिए हाईड्रा नामक केमिकल मिलाया जाता है. जिससे चासनी पूरा साफ हो जाता है. उसके बाद इसे खोल कर तीन से चार मिनट तक थोड़ी सी ठंडी की जाती है. उसके बाद इसे एक डब्बू के आकार का चम्मच का बर्तन लेकर उसमें हल्की मात्रा में मैदा मिलाकर किसी छोटे-छोटे आकार में डाला जाता है. इसके बात कुछ ही देर में यह सफेद रंग का हो जाता है.
12 रुपए में मिलता है 100 ग्राम
बताशा बेचने वाले दुकानदार सोनू कुमार ने बताया कि हर वर्ष दुर्गा पूजा में वह चार से पांच क्विंटल बताशा बनवाकर इसकी बिक्री करते हैं. यहां पांच कुंटल के करीब चीनी की खपत होती है. वही थोक बिक्री 85 रुपए के हिसाब से की जाती है. खुदरा बिक्री 12 रुपए के 100 ग्राम के हिसाब से की जाती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 19:41 IST